“ताजमहल का टेंडर” से भ्रष्टाचार पर किया प्रहार | कैलाश कंडवाल के निर्देशन में हुई नाट्य प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा-Tajmahal Ka Tender | Newsnetra
न्यूज़ नेत्र, देहरादून: उत्तर न नाट्य संस्थान व रंगमंच और लोक कला प्रदर्शनकारी विभाग दून विश्वविद्यालय की ओर से ‘ताजमहल का टेंडर’ नाटक से कलाकारों ने जहां भ्रष्ट व्यवस्था पर प्रहार किया, वहीं अपने अभिनय से नाटक की गरिमा को कायम रखते हुए दर्शकों को बांधे रखा। अधिकारियों व ठेकेदारों की फितरत पर कलाकारों ने व्यंग्य बाण छोड़ते हुए हास्य-विनोद का माहौल बनाकर दर्शकों को खूब गुदगुदाया।
कलाकारों ने जहां भ्रष्ट व्यवस्था पर प्रहार किया, वहीं अभिनय से दर्शकों को बांधे रखा
विश्व रंगमंच दिवस के उपलक्ष्य में चल रहे सात दिवसीय नाट्य समारोह के दूसरे दिन दून विश्वविद्यालय के डा. नित्यानंद हिमालयन शोध एवं अध्ययन केंद्र सभागार में धाद नाट्य मंडल की प्रस्तुति ताजमहल का टेंडर का मंचन किया गया। मुख्य अतिथि जिज्ञासा विश्वविद्यालय के कुलपति नागेंद्र प्रसाद व विशिष्ट अतिथि डिस्ट्रिक्ट चेयर रोटरी 3080 डा. जागृति नवानी ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। अजय शुक्ला द्वारा लिखित इस नाटक ने चुटीले अंदाज में सरकारी महकमों में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोली।
कैलाश कंडवाल के निर्देशन में हुई इस नाट्य प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा।
कैलाश कंडवाल के निर्देशन में हुई इस नाट्य प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा। इसमें बताया गया कि यदि शाहजहां वर्तमान समय में ताजमहल का निर्माण करवाते तो उनका यह सपना भ्रष्टाचार के चलते रिश्वत व फाइलों में ही दम तोड़ देता है। इस नाटक में दिखाया गया कि शाहजहां का ताजमहल बनाने का सपना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। लंबे समय तक फाइल को इधर से उधर करने की अधिकारियों की फितरत के चलते बिगड़ती व्यवस्था पर नाटक के माध्यम से प्रहार किया गया। इस नाटक में शाहजहां के आधुनिक दरबार में सभी किरदारों ने अपने पात्रों के साथ न्याय किया। कैलाश कंडवाल ने शाहजहां, मीनाक्षी जुयाल मुमताज के अलावा भूषण गुप्ता, आयुष खत्री, संदीप जुगरान, पवन डबराल, तन्मय पोखरियाल, निशांत राही, चंदन दुबे, प्रताप सिंह, ऊषा नौनी, खुशी मौर्य ने भूमिका निभाई। दो अप्रैल अप्रैल तक चलने वाले नाट्य समारोह में शुक्रवार को मेघदूत नाट्य संस्था की आरे से ‘भय बिनु होइ न प्रीत’ का मंचन किया जाएगा।