पर्यावरण के लिए पहाड़ की बेटियां सामाजिक परिवर्तन का एक संकेत-Newsnetra
राखी नेगी का जन्मदिवस 5 जुलाई को पड़ता है। वह ग्राम- चिडिंगा तल्ला ब्लॉग-नारायणबगड़ जिला चमोली की रहने वाली है।बीएससी करने के बाद हिंदी से एम ए कर रही है साथ ही राखी दिसंबर 2024 में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। वह महिला उत्तरजन, देहरादून की युवा टोली की सक्रिय सदस्य है। कविता पाठ और गीत गायन में निरंतर भागीदारी करती है। लेकिन इससे भी अच्छी बात है कि वह बहुत ही संवेदनशील इन्सान है। उसने कई बार बताया कि वह अपनी नानी के साथ (ग्राम- हरमनी तल्ली) रही और पली बढ़ी है। वह अपने जन्मदिन पर पौधा लगाती रही है। राखी के मन में था कि मैं देहरादून में भी अपने जन्मदिवस पर पौधा लगाऊं। उसने यह बात अपनी टीम में रखी तो राखी नेगी की 10 सदस्यीय टीम ने उसके जन्मदिवस को डांडा लखौंड के शिव मंदिर के परिसर में 11 पेड़ लगाकर आनंद के साथ मनाया।
महिला उत्तरजन की इस युवा टीम ने अशोक, रुद्राक्ष, बेलपत्र, गुलमोहर और टिकोमा के पौधे लगाए। पत्थरों से उनकी घेरबाड़ की। इसके साथ ही सबने मिलजुलकर केक काटा, बारिश में नृत्य किया और खुशियों के गीत गाए। टीम में पूजा बिष्ट, महिमा, सुप्रिया सकलानी, ममता नेगी, प्रिया नेगी, सोनी नेगी, लबी, सीमा थापा शामिल रहे। प्रिया देवली को बस न मिलने के कारण आधे रास्ते से ही लौटना पड़ा। इसके हर सदस्य ने एक- एक पौधा लगाया। बारिश में भीगे, नहाए और खुशी के गीत गाकर राखी के जन्मदिवस को उल्लास के साथ मनाया। राखी ने इस गतिविधि पर लगभग 3000 खर्च किए और पेड़ खरीदने के साथ ही टीम को कैनाल रोड के पंडित जी रेस्त्रां में शानदार भोजन भी कराया।
वृक्षारोपण के लिए स्थान खोजने में सुशील पुरोहित और पंडित वेदप्रकाश जी ने सहयोग किया। उत्तरजन की ओर से लोकेश नवानी ने भी वृक्षारोपण किया।
बच्चे भी संवेदनशील, जिम्मेदार और सकारात्मक ऊर्जा से भरे होते हैं। इन्होंने दिखाया कि जन्मदिन को एक सार्थक और उद्देश्यपूर्ण गतिविधि के रूप में आयोजित किया जा सकता है।
एक कविता है: छोटे बच्चे भी बड़े सपने देखते हैं। और छोटे बच्चे बड़े और सामाजिक जिम्मेदारी वाले काम भी कर सकते हैं।
ये सभी विद्यार्थी हैं। मूलतः ये सभी जागरूक बेटियां हैं। बेटियों का सामाजिक सरोकारों से जुड़ना न केवल बड़े सामाजिक परिवर्तन का संकेत है कि बेटियां केवल संवेदनशील ही नहीं बल्कि जिम्मेदार भी हैं और बहुत रचनात्मक भी। बेटियों की यह पहल एक नई उम्मीद जगाती है। राखी ने यह भी कहा कि वह पर्यावरण के लिए पहाड़ की बेटियां नाम से वृक्षारोपण का एक कार्यक्रम चलाएगी और इससे अधिक से अधिक छात्राओं को जोड़ेगी।
Report — पूजा बिष्ट, संयोजक, युवा टीम, महिला उत्तरजन
पर्यावरण के लिए पहाड़ की बेटियां सामाजिक परिवर्तन का एक संकेत-Newsnetra
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