चार धाम संयुक्त संरक्षण समिति, उत्तराखंड का गठन हुआ-Newsnetra
देहरादून में आज, 9 जुलाई 2024 को चार धाम संयुक्त संरक्षण समिति, उत्तराखंड का गठन हुआ। इस समिति का उद्देश्य चार धाम यात्रा में सरकार द्वारा की जा रही हस्तक्षेप को रोकना और यात्रा को सुगम बनाना है।
समिति की मुख्य मांगें
समिति ने निम्नलिखित मांगों को प्रमुखता से उठाया:
1. चार धाम यात्रा में सरकार का हस्तक्षेप समाप्त हो: सरकार द्वारा चार धाम यात्रा के संचालन में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए।
2. पंजीकरण प्रक्रिया समाप्त हो: यात्रियों के लिए पंजीकरण की अनिवार्यता समाप्त की जाए।
3. समीत संख्या समाप्त हो: यात्रियों की संख्या पर लगाए गए प्रतिबंध हटाए जाएं।
4. यात्रा व्यवस्था दुरुस्त हो: यात्रा के दौरान होने वाली अव्यवस्थाओं को दूर कर समुचित व्यवस्थाएं की जाएं।
5. पुलिस बैरियर हटाए जाएं: यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर लगाए गए पुलिस बैरियर बंद किए जाएं।
इस बैठक में पंडा पुरोहित, होटल एसोसिएशन, टूर ऑपरेटर्स, टैक्सी यूनियन, व्यापार मंडल सहित अन्य पर्यटन से जुड़े महत्वपूर्ण हितधारक उपस्थित रहे।
समिति ने चार धाम यात्रा को बेहतर बनाने और यात्रियों को अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लिया। उनका मानना है कि सरकारी हस्तक्षेप और प्रतिबंधों से न केवल यात्रियों की संख्या में कमी आ रही है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
चार धाम संयुक्त संरक्षण समिति की आगे की रणनीति क्या है ?
चार धाम संयुक्त संरक्षण समिति ने निर्णय लिया है कि वे सरकार के साथ बातचीत करेंगे और अपनी मांगों को मजबूती से पेश करेंगे। यदि आवश्यक हुआ तो वे आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
समिति का गठन इस बात का प्रतीक है कि स्थानीय हितधारक चार धाम यात्रा के महत्व को समझते हैं और इसे संरक्षित करने के लिए एकजुट हैं। वे चाहते हैं कि चार धाम यात्रा बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से संचालित हो और हर यात्री को एक सुखद अनुभव प्राप्त हो।