Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत-Newsnetra


मंगलवार, 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित पहलगाम के ऊपरी इलाके बैसरन में एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। घने जंगलों से निकले आतंकियों के एक समूह ने बैसरन के हरे-भरे घास के मैदानों में सैर कर रहे पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इस हमले में कम से कम 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें दो विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हालांकि सरकार की ओर से अब तक हताहतों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, परंतु स्थानीय अधिकारियों ने मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई है।
यह आतंकी हमला ऐसे समय पर हुआ जब अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस भारत के चार दिवसीय दौरे पर थे। उन्होंने इस घटना पर शोक जताते हुए कहा कि अमेरिका इस भयानक हमले में मारे गए लोगों के परिजनों के साथ संवेदना प्रकट करता है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की और साफ कहा कि इस जघन्य कृत्य को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को और मजबूत करने का संकल्प दोहराया। हमले की खबर मिलते ही सऊदी अरब की यात्रा पर गए श्री मोदी ने आधिकारिक रात्रिभोज छोड़कर भारत लौटने का निर्णय लिया और 23 अप्रैल की सुबह दिल्ली पहुंचे।
इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ी शाखा “द रेसिस्टेंट फ्रंट” ने ली है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों ने इस दावे की अभी तक पुष्टि नहीं की है। संगठन ने अपने बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर में 85,000 से अधिक बाहरी लोगों को निवास प्रमाण पत्र दिए गए हैं, जिससे क्षेत्र का “जनसांख्यिकीय संतुलन” बिगड़ा है। आतंकियों ने इस हमले को “बाहरी लोगों को बसने से रोकने की कार्रवाई” बताया है।
घायलों में तमिलनाडु के 83 वर्षीय बुजुर्ग और ओडिशा की 65 वर्षीय महिला शामिल हैं, जबकि मृतकों में अनंतनाग के स्थानीय निवासी सैयद हुसैन शाह का नाम भी सामने आया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब आतंकी मैदान में पहुंचे, उस समय वहां लगभग 40 पर्यटक मौजूद थे। हमलावरों ने पहले पर्यटकों की पहचान की और फिर नजदीक से गोली मार दी। हमले के दौरान अफरातफरी मच गई। स्थानीय गाइडों ने घटनास्थल के कई दृश्यों को अपने मोबाइल कैमरों में कैद किया। एक वीडियो में एक नवविवाहिता को अपने घायल पति के लिए मदद मांगते हुए देखा जा सकता है, जिसमें वह कहती है, “एक बंदूकधारी मेरे पास आया और मेरे पति के सिर में गोली मार दी।”
केंद्र द्वारा 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद यह नागरिकों पर हुआ पहला बड़ा आतंकी हमला है। इस हमले ने एक बार फिर कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के विरुद्ध भारत की लड़ाई अभी लंबी है।