ऑपरेशन कालनेमि: दून पुलिस का पाखंडियों पर बड़ा प्रहार, जादू-टोना करने वाले 29 ढोंगी बाबा गिरफ्तार-Newsnetra


देहरादून, 14 जुलाई 2025
उत्तराखंड की देवभूमि को अंधविश्वास और पाखंड से मुक्त करने के लिए शुरू किए गए “ऑपरेशन कालनेमि” का असर अब ज़मीनी स्तर पर साफ़ दिख रहा है। देहरादून पुलिस ने बीते चार दिनों में कुल 111 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार कर एक बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया है।

आज की कार्रवाई में देहरादून के विभिन्न थाना क्षेत्रों से 29 बहरूपियों को पकड़ा गया, जिनमें से 20 आरोपी अन्य राज्यों के निवासी हैं। ये सभी व्यक्ति साधु-संतों का भेष धारण कर जादू-टोना, झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र के नाम पर भोली-भाली जनता को भ्रमित कर रहे थे।
🔴 गिरफ्त में आया कुख्यात कारी अब्दुल रहमान
विकासनगर क्षेत्र में पुलिस ने कारी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया, जो खुद को दुआ पढ़ने वाला बताकर दैवीय प्रकोप और काला जादू से राहत दिलाने के नाम पर ठगी करता था। पुलिस के अनुसार वह लंबे समय से झाड़-फूंक के नाम पर लोगों को डराकर पैसा ऐंठ रहा था।
🩺 फर्जी जड़ी-बूटी इलाज का भांडा फूटा
प्रेमनगर थाना क्षेत्र में विनोद सिंह और उसकी पत्नी राधा, निवासी रोशनाबाद हरिद्वार, को पुलिस ने गिरफ्तार किया। दंपत्ति ने सड़क किनारे अतिक्रमण कर जड़ी-बूटी के नाम पर बिना लाइसेंस के फर्जी दवाखाना खोल रखा था। पुलिस ने मौके से दवाएं जब्त कर दुकान बंद कराई।
👮♂️ एसएसपी देहरादून की दो टूक चेतावनी:
“बहरूपिया चाहे किसी भी धर्म का हो, पाखंड बर्दाश्त नहीं होगा, जाएगा सीधा जेल।”
एसएसपी की अगुवाई में ऑपरेशन कालनेमि देवभूमि में धार्मिक आस्था के नाम पर फैलते पाखंड और अंधविश्वास के विरुद्ध एक निर्णायक अभियान बन गया है।
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📋 गिरफ्तार ढोंगी बाबाओं की सूची (चयनित नाम):
कारी अब्दुल रहमान – सहसपुर निवासी, झाड़-फूंक के नाम पर ठगी
अशोक – लखनऊ निवासी
संदीप बाबा – पश्चिम बंगाल
चौड़ी बाबा – झारखंड
अजय शर्मा – बिहार
चंद्रपाल – बिजनौर
अनिल गिरी – हिमाचल
और अन्य राज्यों के कुल 29 अभियुक्त
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⚖️ फर्जी दवाखाना चलाने वाले दंपत्ति:
1. विनोद सिंह, पुत्र गुमान सिंह, निवासी रोशनाबाद, हरिद्वार
2. राधा, पत्नी विनोद सिंह, निवासी रोशनाबाद, हरिद्वार
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चलाया जा रहा ऑपरेशन कालनेमि, न केवल ढोंगी बाबाओं पर लगाम कस रहा है बल्कि देवभूमि की धार्मिक पवित्रता और जन-आस्था की रक्षा में एक सशक्त अभियान बनकर उभरा है। पुलिस की सख्ती से यह स्पष्ट है कि अब पाखंड की दुकानें नहीं चलेंगी, चाहे वे किसी भी भेष में क्यों न हों।