देहरादून से संवाददाता रितिका पयाल राणा : बीजेपी सरकार द्वारा पूरे राज्य में खनन के मुख्य क्षेत्र हरिद्वार देहरादून उधम सिंह नगर और नैनीताल की प्रमुख नदियों को निजी हाथों में देने का कार्य किया जा रहा है जिससे कि स्थानीय खनन से जुड़े हुए लोगों के आगे एक बहुत बड़ा आर्थिक संकट खड़ा होने वाला है। सरकार संपूर्ण राज्य का खनन निजी हाथों में देने का काम करने जा रही है जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है एवं साथ ही साथ इस राज्य की जो निर्माण की मूल भावना थी की यहां के जल जंगल जमीन पर पहला हक स्थानीय व्यक्ति का होगा सरकार शहीदों की भावनाओं के खिलाफ कार्य करने का काम आज कर रही है।
राज्य के लोगों के लिए खनन जो एक मुख्य व्यवसाय है उनकी रोजी-रोटी है उसको भी सरकार निजी कंपनियों के हाथ में देने का काम कर रही है जबकि इस व्यवसाय से जुड़े हुए स्थानीय वाहन स्वामी स्थानीय मजदूर एवं स्थानीय खनन व्यवसाय बड़ी मात्रा पर विरोध कर रहे हैं अगर एक ही निजी कंपनी के हाथों में खनन को देने का काम सरकार करती है तो तो स्थानीय लोगों से यह व्यवसाय छिन जाएगा।
निजी कंपनी अपनी मनमानी करेगी एवं उत्तराखंड के लोगों को खनन सामग्री महंगे दामों पर मिलेगी इसका जीता जागता उदाहरण हमारे सामने अभी सरकार द्वारा मसूरी में स्थित एवरेस्ट जॉर्ज एवरेस्ट पर्वत को एक निजी कंपनी को लीज पर दिया है कंपनी द्वारा स्थानीय लोगों से जो लगभग 100 साल से वहां रह रहे हैं उनसे अपने घरों तक आने-जाने के लिए भी राशि की मांग की जा रही है।
स्थानीय दुकानदार जिनका जॉर्ज एवरेस्ट के आसपास छोटी-मोटी दुकान थी व्यवसाय थे उनके आगे बड़े-बड़े जाल लगाकर उनका आर्थिक एवं मानसिक शोषण किया जा रहा है जिसका विरोध पूरे प्रदेश द्वारा किया गया परंतु सरकार का इस विषय पर एक दुर्भाग्यपूर्ण रवैया रहा।
साथ ही साथ खनन के स्टैंडर्ड के मानक इस प्रकार रखे गए हैं कि स्थानीय लोग इस प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं यह सीधे-सीधे दर्शाता है कि सरकार अपने किसी बाहर के चहते व्यक्ति को उत्तराखंड का खनन पर एक अधिकार देना चाहती है यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि सरकार द्वारा स्थानीय व्यक्ति का रोजगार हर रूप से बचने का काम इस राज्य में किया जा रहा है।
इससे पहले अधीनस्थ चयन आयोग में हमने देखा रोजगार बेचने वाले मुख्य रूप में आयोग के अध्यक्ष और सचिव आज भी कार्रवाई से सरकार बचाने का काम कर रही है जब संपूर्ण आयोग की जिम्मेदारी आयोग के अध्यक्ष और सचिव की थी तो क्यों अब तक उन पर कार्रवाई नहीं हुई है कि सांफ़ इशारा करता है की सरकार छोटे-मोटे अपराधियों को जेल भेज कर मुख्य लोगों को बचाने का काम कर रही है।
सरकार द्वारा उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में सरकारी भूमि को बाजारी मूल्य से भी काम कौड़ी के दामों पर बाहर के बिल्डरों को दिया जाता गया जिससे कि राज्य के खजाने को बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचता है परंतु सरकार अपने चाहतों को लाभ पहुंचाने की मंशा से उत्तराखंड की जमीनों को बहुत सस्ते दामों पर बाहर के बिल्डरों को देने का काम कर रही है।
आज सरकार भ्रष्टाचार में संपूर्ण रूप से लिप्त है। देहरादून जो अपनी सुंदरता के लिए जाना चाहता था आज स्मार्ट सिटी के नाम पर उसका मूल स्वरूप बिगड़ने का काम सरकार कर रही है। आज देहरादून के संपूर्ण मुख्य मार्ग खुदे हुए हैं सड़के टूटी हुई हैं यह साफ़ दर्शाता है कि देहरादून में स्मार्ट सिटी के नाम पर देहरादून वासियों को भ्रमित किया जा रहा है और अब इस मुदे पर सरकार के विधायक भी मुखर है।
सरकार द्वारा अगर जल्द से जल्द इस खनन प्रक्रिया को नहीं रोका गया तो कांग्रेस पूरे प्रदेश में खनन व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों को साथ लेकर सभी जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन का काम करेगी साथ ही साथ जेल भरो आंदोलन आवाहन करेगी जिसकी पूरी जिम्मेदारी स्थानीय सरकार एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की होगी।
प्रेस में मुख्य रूप से विकास नेगी प्रदेश अध्यक्ष आईटी विभाग उत्तराखंड काग्रेस ,कांग्रेस डॉ जसविंद गोगी महानगर अध्यक्ष कांग्रेस देहरादून ,मनोज कुकरेती महासचिव कांग्रेस ,शीशपाल बिष्ट प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस , सूरज नेगी प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस , संदीप चमोली प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस, उपस्थित रहे।