न्यूज नेत्रा, मीडिया हाउस
Aiims rishikesh news कैंसर की बीमारी से जूझ रहे एक 3 साल के मासूम को जब बार-बार खून चढ़ाने की नौबत आई तो रक्तदाता की व्यवस्था नहीं होने से संकट खड़ा हो गया। ब्लड बैंक से कई यूनिट रक्त पहले ही लिया जा चुका था। ऐसे में एम्स के सेवावीर संकटमोचक बनकर आगे आए। उन्होंने मासूम की जान बचाने को न केवल 8 यूनिट ब्लड डोनेट किया बल्कि आवश्यकता पड़ने पर ब्लड की अतिरिक्त व्यवस्था करने का भी भरोसा दिलाया। इस अनूठी पहल के लिए एम्स की कार्यकारी निदेशक ने सेवावीरों के कार्यों की प्रशंसा की है।
श्रीराम चरित मानस में तुलसीदास जी ने लिखा है कि ’परहित सरस धरम नहीं भाई, पर पीड़ा सम नहीं अधि माई’। मरीजों की सेवा करते हुए एम्स ऋषिकेश के सेवावीर इन पंक्तियों को चरित्रार्थ कर रहे हैं। सेवावीरों ने कैंसर से जूझ रहे एक मासूम बच्चे के इलाज के लिए 8 यूनिट ब्लड देकर एक अनूठी पहल की है। एकत्रित किया गया ब्लड जनपद नैनीताल के अधौड़ा गांव के 3 वर्षीय करण को चढ़ाया गया है। मासूम करण इस वर्ष जून माह से ब्लड कैंसर की बीमारी से जूझ रहा है। करण के पिता हिम्मत सिंह महरा ने बताया कि इस वर्ष मई माह में उनके बेटे को तेज बुखार आया था। लम्बे समय तक बुखार उतरता-चढ़ता रहा। धीरे-धीरे बच्चे के पैरों में भी दर्द रहने लगा। करण को पहले हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर बच्चे को एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया। Aiims rishikesh news
उन्होंने बताया कि 2 जुलाई को एम्स पहुंचने पर उन्हें पता चला कि बच्चे को ब्लड कैंसर है। तब से बच्चे का इलाज एम्स के हीमोटोलॉजी विभाग के अधीन चल रहा है और उसे कीमोथेरेपी दी जा रही है। कीमोथेरेपी की वजह से बच्चे के शरीर में खून बनना कम हो गया। शरीर में रक्त की भरपाई को उसे बार-बार खून चढ़ाया जाता है। बच्चे को अब तक 20 यूनिट रक्त चढ़ाया जा चुका है। इसमें से 8 यूनिट ब्लड एम्स के सेवावीरों द्वारा दिया गया है। Aiims rishikesh news
सेवावीरों का कहना है कि आवश्यकता पड़ी तो उनकी टीम के सभी सदस्य रक्तदान कर बच्चे के उपचार में मदद करेंगे।