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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में हर पल उभरती तकनीकी पर मंथन करने के उद्देश्य से देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें दुनियाभर से शिक्षा और औद्योगिक जगत के विशेषज्ञों ने उभरती तकनीकी से छात्रों को अवगत कराया।
देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटिंग द्वारा उभरती तकनीकी पर मंथन के लिए दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गयी। इस दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तराखंड राज्य उच्च शिक्षा उन्नयन समिति के उपाध्यक्ष डॉ देवेंद्र भसीन ने कहा कि तकनीकी बहुत तेज़ी से बदल रही है और शिक्षा के क्षेत्र में हमें इन नए तकनीकी बदलावों के साथ आगे बढ़ना होगा तभी छात्र और देश दुनिया के साथ कदम मिलाकर आगे बढ़ पाएंगे और नयी शिक्षा नीति ऐसी ही नयी चुनौतियों से निपटने में कारगर साबित होगी। दो दिन तक चली संगोष्ठी में देशभर के अलग अलग क्षेत्रों से आये विशेषज्ञों ने छात्रों को विभिन्न उभरती तकनीकियों से अवगत कराते हुए इसकी उपयोगिता पर बल दिया।
इन विशेषज्ञों में इंडिगो मुंबई के संजीव कुमार, जेएनयू दिल्ली से डॉ डीके लोबियल, आईआईएम हिमाचल से डॉ प्रज्ञा भवसार, आईटीआईटी रुड़की से डॉ एससी शर्मा, हिमगिरि ज़ी यूनिवर्सिटी से डॉ मनीष शर्मा, सिस्को दिल्ली से संजय कौशल सहित चीन के इंजीनियरिंग संस्थान के शिक्षा विशेषज्ञ डॉ पावेल लोस्कोट और ट्यूनीशिया विश्वविद्यालय के डॉ इब्राहिम ने दुनियाभर में इस्तेमाल हो रही तकनीकी और तेज़ी से उभर रही नयी तकनीकी पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में बाल अधिकार संरक्षण राज्य आयोग की अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना ने उभरती तकनीकी की उपयोगिता से छात्रों को अवगत कराया।
साथ ही, नयी तकनीकी आधारित शिक्षा पर बल दिया। वहीं, उपकुलपति डॉ आरके त्रिपाठी ने कहा कि हमारा प्रयास छात्रों को उभरती तकनीकी से रूबरू करवाना है ताकि वो नयी चुनौतियों से डटकर सामना कर सकें। कार्यक्रम संयोजक व डीन स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटिंग डॉ रितिका मेहरा ने संगोष्ठी की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए तकनीकी के विभिन्न आयामों की जानकारी दी। इस दौरान मुख्य सलाहकार डॉ एके जायसवाल, डीन छात्र कल्याण दिग्विजय सिंह, सीओइ शुभाशीष गोस्वामी सहित डॉ सौरभ, डॉ प्रवेश, डॉ रोहित, धजवीर सिंह, गोविन्द सिंह, राकेश आर्य, रोहित डोबरियाल, अशुवेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे।