भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त करना: सरकार की नीतियों पर सवाल-Newsnetra
सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों जिनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही हैं ऐसे अधिकारियों को बीजेपी सरकार द्वारा महत्वपूर्ण पदों पर बिठाया जा रहा है जो की दुर्भाग्यपूर्ण है एवं भ्रष्ट अधिकारियों को प्रमुख पदों पर बिठाकर सरकार के द्वारा यह साबित कर दिया गया है की सरकार भ्रष्टाचार में अखंट तक डूबी हुई है सरकार द्वारा विभागो के अध्यक्षों को दो-दो वर्ष का सेवा विस्तार देने का काम किया गया जो की बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है जिस प्रकार यूपीपीसीएल के एमडी का सेवाकाल इस महा समाप्त हो गया हैअपने कार्यकाल के समय उन पर कई भ्रष्टाचार पर आरोप लगे हैं इसके बावजूद भी सरकार द्वारा दोबारा से उनको पीछे के दरवाजे से सेवा विस्तार देने का कार्य चल रहा है जो की राज्य सरकार की ऐसी परिपाटी है जो राज्य की छवि खराब करने का काम कर रही है सरकार द्वारा सेवा विस्तार के नियम का दुरुपयोग किया जा रहा है सरकार को जिन अधिकारियों के खिलाफ जांच चल रही है भ्रष्टाचार के आरोप भी है ऐसे अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों पर नहीं बिठाना चाहिए सरकार निरंतर अपने कृतों से प्रदेश में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम कर रही है विभागों में काबिल अधिकारी होने के बावजूद भी प्रभारी अधिकारियों से महत्वपूर्ण विभागों का संचालन कराया जा रहा है जिससे कि सरकार के चाहते अफसर को महत्वपूर्ण पदों पर भ्रष्टाचार करने का अवसर दिया जा रहा है सरकार निरंतर ऐसे कार्य कर कर प्रदेश में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम कर रही है