दीपावली पर्व के अवसर पर शान्ति एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के संबंध में।
देहरादून से संवाददाता रितिका पयाल राणा: उपर्युक्त विषयक कृपया अवगत कराना है कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैयादूज एवं छठ पूजा क्रमशः दिनांक 10.11.2023, 13.11.2023, 15.11.2023 एवं 19.11.2023 आदि त्यौहार कैलेण्डर वर्ष के अनुसार मनाये जायेंगे। तत्क्रम में उक्त पर्वो के सुअवसर पर आम नागरिकों द्वारा बर्तन, मिठाईयां, आतिशबाजी, सजावट आदि का सामान क्रय किये जाने की परम्परा है। साथ ही इस अवसर पर कई वर्षों से जुआ खेलने जैसी क प्रथा भी समाज में आज तक भी प्रचलन में है। इसके अतिरिक्त भैयादूज के सुअवसर पर महिलायें का भी बडी संख्या में आवागमन रहता है एवं छठ पर्व पर श्रद्धालुओं की नदियों व तालाबों के तट पर बड़ी संख्या में सुबह-शाम भगवान सूर्य की उपासना हेतु भीड़ एकत्र होती है।
02- इस अवसर पर विगत वर्ष में सामान्यतः निम्नांकित समस्यायें / विवाद उत्पन्न होने के दृष्टांत प्रकाश में आये हैं:-
विशेषकर धनतेरस के दिन भीड़ भरे बाजारों में आपराधिक / असामाजिक तत्वों द्वारा महिलाओं से छेड़छाड़, जेबकटने चैन स्नैचिंग, लूट आदि जैसी घटनाओं की सम्भावना ।
भैयादूज के अवसर पर महिलाओं की विशेष चहल-पहल एवं गतिशिलता होती है जहाँ एक ओर यातायात की समुचित व्यवस्था आवश्यक होती है वहीं दूसरी ओर आपराधिक असामाजिक तत्वों द्वारा महिलाओं से छेड़छाड़, चैन स्नैचिंग, लूट, छिनैती आदि की घटनाओं की सम्भावना बनी रहती है।
छठ पूजा के संबंध में नदियों एवं तालाबों के किनारे बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होते हैं। छठ पूजा हेतु घाटों की साफ-सफाई, प्रकाश की समुचित व्यवस्था, भीड नियंत्रण एवं आवागमन हेतु यातायात की उचित व्यवस्था आवश्यक होती है।
असामाजिक / कट्टरपंथी तत्वों द्वारा अपने कुत्सित उद्देश्यों की पूर्ति हेतु अफवाहें फैलाना।
आतिशबाजी के सामान पर अपमानजनक / आपत्तिजनक धार्मिक चित्र आदि अंकित करना।
पटाखे आदि चलाने पर दूसरे सम्प्रदाय के भवनों / व्यापारिक प्रतिष्ठानों आदि में जाने पर विवाद
आतिशबाजी / पटाखों आदि के असुरक्षित भण्डारण / परिवहन में असावधानी एवं अग्निशमन की समुचित व्यवस्था न होने के कारण अग्नि दुर्घटना।
जुए में हार-जीत व लेन-देन को लेकर विवाद ।
विद्युत आपूर्ति के अनियमित / बाधित होने पर।
एक सम्प्रदाय द्वारा दूसरे सम्प्रदाय पर छींटाकशी करने से।
उपरोक्त समस्याओं का ससमय निराकरण किया जाना अत्यावश्यक है।
03- पर्व के अवसर पर पटाखों आतिशबाजी की दुकानों / भण्डारण की अनुमति भीड़ भरे क्षेत्रों से हटकर खुले मैदान में सीमित संख्या में अनुमति दिया जाना उपयुक्त होगा। साथ ही ऐसे स्थानों पर 24 घण्टे अग्निशमन की समुचित व्यवस्था भी सुनिश्चित कर ली जाय। साथ यह भी सुनिश्चित किया जाय कि आतिशबाजी / पटाखे की दुकान लगाने वाले व्यापारियों द्वारा अग्निशमन की समुचित व्यवस्था की गयी है। मिष्ठान एवं दुग्ध उत्पादों की मांग बढ़ने के कारण इनमें अपमिश्रण अथवा सिंथेटिक / नकली आपूर्ति / विक्रय की आशंका बढ़ जाती है। अनधिकृत रूप से पटाखों का भण्डारण अथवा व्यवसाय करने वालों, खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण करने अथवा नकली उत्पादों के विक्रय करने के विरुद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही किया जाना आवश्यक होगा। त्यौहारों के दृष्टिगत् बाजारों में हुये अतिक्रमण के कारण आवागमन बाधित होते हैं। सुरक्षा संबन्धी कठिनाई उत्पन्न होती है। जिस पर विशेष ध्यान दिया जाना होगा।
04- प्रदेश के मिश्रित आबादी एवं साम्प्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों यथा जनपद देहरादून के रायवाला, ऋषिकेश, जनपद हरिद्वार के कनखल, रुड़की, जनपद नैनीताल के हल्द्वानी, रामनगर जनपद पौड़ी के सतपुली एवं कोटद्वार जनपद ऊधमसिंहनगर के नानकमत्ता में आयोजित होने वाले मेले आदि जिसमें बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु / सैलानी आते हैं. पर विशेष सर्तकता एवं सुरक्षा की कार्यवाही की जानी आवश्यक होगी।
05- आतंकवादी गतिविधियों के वर्तमान राष्ट्रीय / अन्तराष्ट्रीय परिदृश्य एवं विगत् में देश, विदेश के विभिन्न स्थानों में हुयी आतंकवादी घटनाओं / साम्प्रदायिक हिंसा, जिसमें मुख्य रूप से अमेरिका एवं यूरोप के विभिन्न देशों में हुये आतंकवादी घटनायें एवं प्रदेश में जनपद देहरादून / हरिद्वार के थाना रायवाला, ऋषिकेश एवं कनखल क्षेत्रान्तर्गत घटित सम्प्रदायिक घटनायें असामाजिक तत्व जहां देश के अन्दर अस्थिरता फैलाना चाहते हैं.
वहीं ऐसे अवसर पर आतंकवादी / असामाजिक तत्वों को अपने कुत्सित उद्देश्यों की पूर्ति करने का अवसर प्रदान कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त राज्य के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों, सैन्य संस्थानों, स्कूल, रेलवे स्टेशनों / नगरों आदि को लक्ष्य बनाये जाने की धमकियों समय-समय पर मिलती रही है, जिसके दृष्टिगत् पर्व के अवसर पर अतिरिक्त सुरक्षा / सर्तकता एवं रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों, पार्किंग स्थलों, भीड़-भाड़ वाले बाजारों, धार्मिक स्थलों, विशेषकर शोभा यात्रा मार्गों की यथा सम्भव एण्टी सबोटाज चेक की कार्यवाही की जानी आवश्यक है।
06- सोशल नेटवर्किंग साईट्स पर धार्मिक आपत्तिजनक टिप्पणियों, चित्रों के पोस्ट किये जाने तथा विभिन्न साम्प्रदायिक प्रकृति के प्रकरणों के कारण साम्प्रदायिक संवेदनशीलता में परिलक्षित वृद्धि के दृष्टिगत् असामाजिक कट्टरपंथी तत्वों की गतिविधियों पर निकटता से सतर्क दृष्टि रखी जानी आवश्यक है। साम्प्रदायिक घटना एवं अन्य किसी दुर्घटना के वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा स्वयं घटनास्थल पर तुरंत पहुँच कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
07- उक्त के अतिरिक्त जनपद स्तर पर सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को भी सक्रिय किया जाना एवं जनपदीय अभिसूचना इकाई द्वारा गोपनीय ढंग से कार्यवाही किया जाना आवश्यक होगा।
अतः उपरोक्त की ओर आपका ध्यान आकृष्ट करते हुए मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा भैयादूज एवं छठ पूजा पर्व के अवसर पर अतिरिक्त सतर्कता, साम्प्रदायिक सौहार्द बनाये रखने के साथ सुदृढ़ कानून व्यवस्था, शान्ति एवं सुरक्षा हेतु अपेक्षित आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने का कष्ट करें।