चमोली में बादल फटा, SDRF मौके पर रवाना | 11 जिलों में बाढ़ का खतरा, हाई अलर्ट जारी-Newsnetra


पहाड़ी राज्यों में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। इसी बीच चमोली जिले में बादल फटने की जानकारी मिल रही है।
प्राप्त सूचना के आधार पर विकासखंड नंदानगर के ग्राम धुरमा में मंगलवार सुबह बादल फटा गया, जिसके बाद मोक्ष में नदी भारी उफान देखने को मिल रहा है, निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। बादल फटने के बाद नदी का विकराल रुप देख लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।फिलहाल किसी जनहानि की जानकारी नहीं मिल रही है लेकिन लोगों के घरों में पानी घुसने के कारण नुकसान की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल SDRF की टीम को रवाना कर दिया गया है। ऊंचे इलाकों से नदी के बढ़ते दायरा को देखा जा सकता है।
उत्तराखंड के 11 जिलों में बाढ़ का विशेष अलर्ट, अगले 24 घंटे बेहद संवेदनशील
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और मौसम विभाग ने जनता से सतर्कता बरतने की अपील की
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के बीच भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के हाइड्रोमेट डिवीजन, नई दिल्ली ने राज्य के 11 जिलों के लिए विशेष बाढ़ चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग का कहना है कि आगामी 24 घंटे बेहद संवेदनशील हैं और इन जिलों में भारी वर्षा के कारण बाढ़ और जलभराव की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
इस चेतावनी के बाद राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) ने संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों को चेतावनी पत्र भेजा है और हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।
🌧 बाढ़ और जलभराव से संभावित जिले
मौसम विभाग के अनुसार, जिन 11 जिलों में बाढ़ की आशंका जताई गई है, वे हैं:
अल्मोड़ा
बागेश्वर
चमोली
चंपावत
देहरादून
नैनीताल
पौड़ी गढ़वाल
पिथौरागढ़
रुद्रप्रयाग
टिहरी गढ़वाल
उत्तरकाशी
इन जिलों में नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ने, भूस्खलन, पहाड़ी ढलानों से मलबा गिरने, और निचले इलाकों में जलभराव की घटनाएं सामने आ सकती हैं।
⚠ प्रशासन सतर्क, नागरिकों से सहयोग की अपील
राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों, पुलिस प्रशासन, एसडीआरएफ, और आपदा प्रबंधन इकाइयों को 24 घंटे मुस्तैद रहने और संवेदनशील स्थानों की निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
वहीं आम जनता से भी अपील की गई है कि वे:
मौसम विभाग की चेतावनियों और दिशा-निर्देशों का पालन करें
नदियों, नालों और पहाड़ी ढलानों के पास जाने से बचें
अनावश्यक यात्रा न करें
आपात स्थिति में प्रशासन द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबरों का उपयोग करें
🛑 सतर्कता ही सुरक्षा
उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है जहां मानसून के दौरान बाढ़, भूस्खलन और सड़क अवरोध जैसी आपदाएं आम बात हैं। हर वर्ष कई जान-माल की हानि होती है, जिसे रोका जा सकता है यदि समय पर सतर्कता बरती जाए।
राज्य सरकार की इस चेतावनी को हल्के में न लें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पूरी तरह से पालन करें।