देहरादून दशहरा: परेड ग्राउंड पर 121 फीट ऊंचे रावण के पुतले की तैयारी, हरियाणा से आए कारीगर, बारिश बनी सबसे बड़ी चुनौती-Newsnetra
देहरादून – विजयदशमी का पर्व नजदीक आते ही राजधानी देहरादून में तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार परेड ग्राउंड में रावण दहन का नजारा बेहद खास होगा, क्योंकि यहां 121 फीट ऊंचा रावण का पुतला तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले भी आकर्षण का केंद्र होंगे।


हरियाणा से आए कारीगर और तीन पीढ़ियों की परंपरा
इस विशाल आयोजन के लिए हरियाणा से विशेष रूप से कारीगर बुलाए गए हैं। करीब 35 कारीगर कई हफ्तों से रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले बनाने में जुटे हुए हैं। कारीगर मनीष कुमार बताते हैं कि उनका परिवार तीन पीढ़ियों से इस कला से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, “यह कोई सिखाई जाने वाली ट्रेनिंग नहीं है। बच्चे बड़ों को देखकर ही यह हुनर सीख जाते हैं। अब हम भी अपने बच्चों को यही परंपरा सिखा रहे हैं।”
बारिश ने डाली रुकावट
लगातार हो रही बारिश ने इस बार कारीगरों के काम में बड़ा रोड़ा डाला है। मनीष कुमार के अनुसार, पहले तीन दिन में एक पुतला तैयार हो जाता था, लेकिन इस बार एक पुतला बनाने में 6 दिन लग रहे हैं। इसके बावजूद कारीगर पूरी तरह इको-फ्रेंडली पुतले बना रहे हैं। इन पुतलों को लकड़ी, बांस, कपड़ा और कागज से तैयार किया जा रहा है, और जोड़ने के लिए आटे से बनी गोंद का उपयोग हो रहा है।
बन्नू बिरादरी की ऐतिहासिक परंपरा
बन्नू बिरादरी कमेटी के अध्यक्ष संतोख नागपाल ने बताया कि भारत-पाक विभाजन के बाद से उनकी बिरादरी देहरादून में दशहरा उत्सव आयोजित करती आ रही है। इस बार लगातार 78वीं बार परेड ग्राउंड में रावण दहन होगा। नागपाल ने कहा कि पिछले वर्ष यहां देश के सबसे ऊंचे पुतलों में से एक रावण का पुतला जलाया गया था, जिसे देखने हजारों लोग दूर-दूर से आए थे।
भव्य झांकियां और मेले का आयोजन
इस बार भी लाखों की भीड़ उमड़ने की संभावना है। रावण दहन शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगा। कार्यक्रम के दौरान भव्य झांकियां निकाली जाएंगी और बच्चों के लिए मेले का आयोजन भी होगा। आयोजकों का मानना है कि यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक परंपरा और सामुदायिक एकता को भी मजबूत करता है