देहरादून: बदराज मंदिर ट्रेक पर लापता युवक की SDRF ने की तलाश, तीन किलोमीटर खड़ी चढ़ाई चढ़कर शव बरामद किया-Newsnetra


देहरादून, 13 अक्टूबर 2025।
जनपद देहरादून के अंतर्गत बदराज मंदिर क्षेत्र में लापता युवक की खोज के लिए चलाए गए सर्च अभियान में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) को सफलता मिली है। टीम ने कठिन और दुर्गम रास्तों से गुजरते हुए युवक का शव बरामद कर जिला पुलिस के सुपुर्द किया।
घटना की जानकारी
जानकारी के अनुसार, दिनांक 12 अक्टूबर 2025 को SDRF पोस्ट डाकपत्थर से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित बदराज मंदिर क्षेत्र में चार युवक घूमने गए थे। यात्रा के दौरान एक युवक थकान के कारण पीछे रुक गया, जिसके बाद वह रास्ता भटक गया और लापता हो गया। देर शाम तक जब वह युवक वापस नहीं लौटा तो उसके साथियों ने इस बात की सूचना स्थानीय प्रशासन को दी।
SDRF की त्वरित कार्रवाई
आज, 13 अक्टूबर 2025 को घटना की सूचना क्षेत्राधिकारी विकासनगर द्वारा SDRF टीम को दी गई। सूचना मिलते ही अपर उपनिरीक्षक सुरेश तोमर के नेतृत्व में SDRF की टीम पोस्ट डाकपत्थर से तत्काल रवाना हुई।
टीम ने बदराज मंदिर क्षेत्र में पहुँचकर सघन तलाशी अभियान चलाया। यह इलाका अत्यंत दुर्गम और खड़ी चढ़ाई वाला है, जहाँ पहुँचने के लिए टीम को लगभग तीन किलोमीटर पैदल ट्रेकिंग करनी पड़ी। कठिन परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद SDRF कर्मियों ने लगातार प्रयास जारी रखा।
शव बरामद
लगातार सर्चिंग के दौरान टीम को लापता युवक आयुष कुमार दयाल (आयु 19 वर्ष), पुत्र राकेश कुमार, निवासी मुरादाबाद रेलवे कॉलोनी, चंद्र नगर, उत्तर प्रदेश का शव मिला। SDRF टीम ने शव को स्टेचर के माध्यम से नीचे लाकर सुरक्षित रूप से जिला पुलिस को सुपुर्द किया।
SDRF की सराहनीय भूमिका
SDRF की यह कार्रवाई एक बार फिर इस बल की मानवीय संवेदनशीलता, तत्परता और साहस को दर्शाती है। पहाड़ी और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी टीम ने सर्च अभियान को बिना रुके पूरा किया।
स्थानीय लोगों ने SDRF की तत्परता और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी परिस्थितियों में SDRF ही आम जनता का सबसे बड़ा भरोसा है।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने पर्वतीय और दुर्गम क्षेत्रों में घूमने जाने वाले युवाओं से अपील की है कि वे मौसम और स्थल की परिस्थितियों की जानकारी लेकर ही निकलें, तथा समूह में यात्रा करते समय एक-दूसरे के संपर्क में बने रहें। प्रशासन ने यह भी कहा है कि पर्वतीय ट्रेकिंग के दौरान अकेले चलने या समूह से अलग होने से बचना चाहिए।