पूर्व सीएम हरीश रावत का बीजेपी पर हमला: ‘अवैध मजार’ और ‘लव जिहाद’ को बताया राजनीतिक हथियार-Newsnetra


उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि पार्टी ‘अवैध मजार’ और ‘लव जिहाद’ जैसे मुद्दों का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में कर रही है। उन्होंने बीजेपी की रणनीति की तुलना अपने धार्मिक अनुष्ठान से करते हुए कहा कि जिस तरह वह सुबह-सुबह गायत्री मंत्र और राम नाम का जाप करते हैं, ठीक उसी तरह बीजेपी वाले दिन की शुरुआत इन मुद्दों का जाप करने से करते हैं।
हरीश रावत का बयान और उसकी पृष्ठभूमि
हरीश रावत ने कहा कि बीजेपी इन मुद्दों को बिना इस्तेमाल किए रह ही नहीं सकती क्योंकि यह उनके राजनीतिक अस्त्र-शस्त्र हैं। उनके मुताबिक, “बीजेपी इन मुद्दों को ऐसे दोहराती है जैसे यह उनके लिए अनिवार्य कर्म हो। इनके बिना उनका दिन पूरा नहीं होता।”
गौरतलब है कि हाल के दिनों में उत्तराखंड और अन्य राज्यों में ‘अवैध मजार’ और ‘लव जिहाद’ को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो गई है। उत्तराखंड सरकार द्वारा हाल ही में राज्य में अवैध धार्मिक संरचनाओं पर सख्ती बरती जा रही है, जिसके चलते इस मुद्दे पर सियासत और गरमा गई है।
बीजेपी की प्रतिक्रिया
बीजेपी की ओर से हरीश रावत के बयान पर अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पार्टी के कई नेता पहले भी कह चुके हैं कि वे अवैध धार्मिक ढांचों को हटाने और ‘लव जिहाद’ जैसी गतिविधियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं। उनका कहना है कि राज्य में किसी भी गैरकानूनी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह किसी भी समुदाय से जुड़ी हो।
राजनीतिक माहौल और चुनावी प्रभाव
उत्तराखंड में 2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। बीजेपी जहां अपने हिंदुत्व और विकास के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है, वहीं कांग्रेस इन मुद्दों को चुनावी रणनीति का हिस्सा मानते हुए बीजेपी पर समाज को बांटने का आरोप लगा रही है।
हरीश रावत का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब कांग्रेस राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है। पार्टी को उम्मीद है कि राज्य में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दे चुनावी समीकरणों को बदल सकते हैं।
हरीश रावत का यह बयान निश्चित रूप से उत्तराखंड की राजनीति में हलचल पैदा कर सकता है। जहां एक ओर बीजेपी अपने एजेंडे पर कायम रहते हुए ‘अवैध मजार’ और ‘लव जिहाद’ के मुद्दों को उठाती रहेगी, वहीं कांग्रेस इस पर सवाल उठाकर अपनी सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश करेगी। अब देखना यह होगा कि आगामी चुनावों में जनता इन मुद्दों पर क्या रुख अपनाती है और क्या यह बहस वोटिंग पैटर्न को प्रभावित कर पाएगी या नहीं।