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अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने 22 जनवरी की बजाए रामनवमी के बाद सही मुहूर्त पर दर्शनों के लिए जाने की बात कही है। उन्होंने 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के एक दिन पहले अपने साथी व सहयोगियों से रामायण के सुंदरकांड का पाठ करने का आह्वान किया है।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपनी पोस्ट में कहा कि 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा होगी, एक महान शुभ अवसर है। जिस अवसर की सैकड़ों वर्षों से लोग प्रतीक्षा कर रहे थे। कौन प्राण प्रतिष्ठा करेगा, कौन वहां उपस्थित होंगे, यह महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण है कि रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस पवित्र दिन करोड़ों भारतवासी जो अयोध्या नहीं पहुंच पाएंगे, मगर उनके मन में भी राम विराजमान हैं।
उन्होंने कहा कि हमने निश्चय किया है और मैंने अपने साथी-सहयोगियों से भी कहा है कि 21 जनवरी को रामायण के सुंदरकांड का वाचन करें, क्योंकि सुंदरकांड में श्रीराम के मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप का अधिकांश वर्णन है। 22 जनवरी को श्री रामजी की मूर्ति पर, मूर्ति मिले तो मूर्ति पर नहीं तो फोटो पर माला चढ़ाकर उनको प्रणाम करें और उनसे मानव कल्याण के लिए आशीर्वाद मांगें।
रामलला के दर्शन करने जाने के बारे लिखा कि वह रामनवमी के बाद उचित मुहूर्त में रामजी के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे। मैं स्पष्ट कहना चाहता हूं कि श्री राजा राम हमारे लिए आस्था, विश्वास और भावना के संभल हैं, उनके नाम पर की जा रही राजनीति मन को आहत कर रही है। भगवन जो लोग आपके नाम पर राजनीति कर राजनीतिक फायदा उठाना चाह रहे हैं उनसे देश, समाज और लोकतंत्र की रक्षा करिए।