उत्तरकाशी के धराली में भारी तबाही, 174 मिमी तक बारिश दर्ज — कई जिलों में रेड अलर्ट जारी-Newsnetra


उत्तराखंड के उत्तरकाशी के धराली गांव में आई भारी तबाही के बाद भी खतरा टला नहीं है. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और मलबे में दबे लोगों को निकालने की जद्दोजहद भी. वहां भारी तबाही हुई है. भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तक राहत और बचाव अभियान में लगी हुई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी यहां दो दिन रूककर सभी कामों पर नजर रखे हुए हैं. उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के बीच मौसम विभाग ने 6 अगस्त के लिए डिस्ट्रिक्ट लेवल नाउकास्ट बुलेटिन जारी किया है, जिसमें राज्य के कई जिलों में अति भारी वर्षा, बिजली गिरने, बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं की संभावना जताई गई है.
किन जिलों में खतरा सबसे ज्यादा?
मौसम विभाग के मुताबिक, देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र के कई जिलों में कई जगहों पर मध्यम से भारी वर्षा के साथ आकाशीय बिजली गिरने, तेज हवाएं चलने और तेज से अत्यंत तेज बारिश के दौर की संभावना है. इन क्षेत्रों को ‘रेड अलर्ट’ की श्रेणी में रखा गया है.
बीते 24 घंटे में भारी बारिश दर्ज.. कुछ प्रमुख स्थानों पर रिकॉर्ड की गई बारिश (मिलीमीटर में)
मालदेवता: 174.0 mm
बाजपुर: 166.0 mm
नरेंद्र नगर: 148.5 mm
गनई गंगोली: 147.0 mm
काशीपुर: 143.5 mm
जसपुर: 127.0 mm
बागेश्वर: 120.0 mm
सहस्त्रधारा: 116.0 mm
जोलीग्रांट: 105.0 mm
नैनीताल: 83.0 mm
पौड़ी: 73.0 mm
देहरादून: 48.0 mm
24 घंटे में 174.0 मिमी बारिश होने का मतलब?
विशेषज्ञों के अनुसार, 24 घंटे में 174.0 मिमी बारिश होना एक अत्यधिक भारी वर्षा यानि Extremely Heavy Rainfall की श्रेणी में आता है और यह काफी गंभीर खतरे का संकेत होता है. खासकर अगर वह क्षेत्र पहाड़ी, नदी के किनारे या शहरी आबादी वाला हो. भारी वर्षा के कारण भूस्खलन और चट्टानों के गिरने से सड़कों व राजमार्गों पर यातायात बाधित हो सकता है. निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है. कच्चे और निर्माणाधीन भवनों को नुकसान पहुंच सकता है. नदियों और नालों का जलस्तर अचानक बढ़ने की आशंका है.
भारतीय मौसम विभाग (IMD) की बारिश की श्रेणियां क्या हैं, आइये जानते हैं
64.5–115.5 mm – भारी वर्षा- सामान्य जलभराव, नालों में तेज बहाव
115.6–204.4 mm-अत्यधिक वर्षा-बाढ़ की संभावना, पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन
204.5 mm या उससे अधिक- अत्यंत भारी वर्षा- गंभीर बाढ़, ढांचागत नुकसान, जनहानि की आशंका