क्या है और कब से है Exit Poll ? | History of Exit Poll- Newsnetra
History of Exit Poll : चुनाव होने और चुनाव के नतीजों से पहले जिसकी तूती बोलती है वह एग्जिट पोल…जिसका नाम तो आपने ज़रूर सुना होगा और अपनी टीवी की स्क्रीन पर भी देखा भी होगा…लेकिन क्या आपको इसके इतिहास के बारे में पता है ? क्या आप जानते है की ये एग्जिट पोल हमेशा से नहीं हुआ करते थे ?
चलिए आपको बताते है :-
इंटरनेशनल लेवल यानी वैश्विक स्तर पर एग्जिट पोल का विचार सबसे पहले 1940 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका usa में विकसित हुआ.. जिसे वॉरेन मितोफस्की और उनकी टीम ने CBS के लिए किया था.. इसके बाद 1950 और 1960 के दशकों में एग्जिट पोल्स को अधिक महत्व मिला, विशेषकर चुनाव परिणामों के तुरंत बाद जनमत को जानने के लिए..
अब बात करे भारत की तो भारत में एग्जिट पोल का चलन 1950 और 1960 के दशकों में शुरू हुआ, लेकिन यह शुरुआत में बहुत सीमित और गैर-संगठित हुआ करता था.. 1990 के दशक में एग्जिट पोल्स का अधिक संगठित और व्यापक रूप में प्रसार हुआ। यह वह समय था जब विभिन्न मीडिया हाउस और शोध संस्थान इस तकनीक का उपयोग करने लगे.. भारत में एग्जिट पोल्स को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता है, सी-वोटर (Centre for Voting Opinion & Trends in Election Research) के संस्थापक प्रदीप गुप्ता को जिनके अथक प्रयासों का ही नतीजा है की आज पार्टिया भी परिणामो से पहले जश्न की तैयारियां शुरू कर देते है
इतिहास में कुछ ऐसी ही विशेष घटनाएँ दर्ज है जैसे
1996 आम चुनाव यह भारतीय चुनावी इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था जब एग्जिट पोल्स ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया.. इसके बाद 2004 आम चुनाव में एग्जिट पोल्स ने व्यापक रूप से भविष्यवाणियां कीं, जो वास्तविक परिणामों के काफी नजदीक थीं, जिससे एग्जिट पोल्स की विश्वसनीयता में वृद्धि हुई..
समय के साथ साथ एग्जिट पोल में तकनीकी और विधिगत सुधार भी देखने को मिला, एग्जिट पोल्स की सटीकता को बढ़ाने के लिए समय के साथ विभिन्न सांख्यिकीय और सर्वेक्षण तकनीकों का उपयोग किया गया, नई तकनीकों और डेटा विश्लेषण के माध्यम से एग्जिट पोल्स की भविष्यवाणी की सटीकता में सुधार हुआ है..
और कुछ कानूनी लगाम या कहे कुछ प्रतिबंध भी लगाए गए, जैसे कि चुनाव के दिन और उससे पहले के 48 घंटों में एग्जिट पोल्स के परिणामों का प्रसारण नहीं किया जा सकता है, ताकि मतदाताओं पर अनावश्यक प्रभाव न पड़े..
देखा जाए तो अब एग्जिट पोल्स भारतीय लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं और चुनावी विश्लेषण का एक प्रमुख उपकरण हैं.. यही कारण है की हर टीवी चैनल की स्क्रीन पर आपको एग्जिट पोल्स का सर्वे दिखाई देता है
अगर आपको यह जानकारी कुछ काम की लगी हो या पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना मत भूलियेगा