गर्भवती महिलाओं के लिए होली पर जरुरी सावधानियां – स्त्री रोग विशेषज्ञ : डॉ सुजाता की सलाह
गर्भावस्था के दौरान होली मनाना पूरी तरह से सुरक्षित हो सकता है: डॉ सुजाता
13 मार्च 2025 देहरादून! डॉ. सुजाता संजय जो की एक स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ है जिनका कहना है कि गर्भावस्था के दौरान होली का त्योहार मनाते समय कुछ विशेष सावधानियां रखना बहुत जरूरी है ताकि मां और बच्चे दोनों की सेहत सुरक्षित रह सके। एक स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynecologist) के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को होली खेलते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बाजार में मिलने वाले कृत्रिम रंगों में हानिकारक रसायन होते हैं, जो त्वचा एलर्जी, खुजली या संक्रमण का कारण बन सकते हैं। हल्दी, चंदन, गुलाब, टेसू के फूल और चुकंदर से बने हर्बल रंग सुरक्षित होते हैं।
किसी भी रंग को आंखों, मुंह या नाक के अंदर जाने से रोकें, क्योंकि ये स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
कोमल साबुन और गुनगुने पानी से रंगों को तुरंत धो लें।
डॉ सुजाता ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान होली मनाना पूरी तरह से सुरक्षित हो सकता है, बशर्ते कि आवश्यक सावधानियों का पालन किया जाए। प्राकृतिक रंगों, हल्के भोजन और पर्याप्त आराम के साथ एक सुरक्षित और आनंददायक होली मनाएं। किसी भी असुविधा या समस्या होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें।
ठंडाई या खाने-पीने की चीजों में अक्सर भांग मिलाई जाती है, जो गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक हो सकती है। बाहर के खाद्य पदार्थ संक्रमण फैला सकते हैं, इसलिए हल्का और सुपाच्य भोजन करें।
शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है, इसलिए नारियल पानी, जूस या ताजे फल का सेवन करें।
अगर किसी रंग में ज्यादा तेज गंध है या उससे जलन हो रही है, तो तुरंत उसे साफ कर लें। कई रंगों में भारी धातु (लेड, मरकरी, सिल्वर आदि) होते हैं, जो शरीर के लिए जहरीले हो सकते हैं।
ज्यादा शोर-शराबा और तनाव से बचें क्योंकि यह गर्भ में पल रहे बच्चे पर असर डाल सकता है। शांत और सुकून भरा माहौल चुनें जहां आप अपने परिवार के साथ सुरक्षित रूप से त्योहार मना सकें।
फिसलन भरी जगहों पर गिरने का खतरा कम करने के लिए फ्लैट और आरामदायक फुटवियर पहनें।
अगर आपको होली के बाद चक्कर, थकान, स्किन रैश, सांस लेने में दिक्कत, पेट दर्द या कोई और परेशानी हो तो देरी न करें और डॉक्टर से सलाह लें।
ज़्यादा थकावट महसूस हो तो पर्याप्त आराम करें और अपने शरीर की जरूरतों को समझें।

