उत्तराखंड में भारतीय चिकित्सा परिषद ने धूमधाम से मनाया राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस-Newsnetra
देहरादून। उत्तराखंड में भारतीय चिकित्सा परिषद ने इस वर्ष राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस बड़े उत्साह और परंपरागत गरिमा के साथ मनाया। यह दिवस भगवान धन्वंतरि की जयंती पर आयोजित किया गया, जिन्हें आयुर्वेद का जनक माना जाता है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में आयोजित कार्यक्रमों में आयुर्वेदिक चिकित्सक, छात्र, शोधकर्ता और आम जनता ने सक्रिय भागीदारी दिखाई।


आयोजन की विशेषताएँ
देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऋषिकेश सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में संगोष्ठियाँ, कार्यशालाएँ और प्रदर्शनी आयोजित की गईं। आयुर्वेदिक औषधियों, पंचकर्म चिकित्सा, योग और औषधीय पौधों पर आधारित स्टॉल्स ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के तहत कई स्थानों पर निःशुल्क आयुर्वेदिक परामर्श और जांच शिविर लगाए गए।
थीम और उद्देश्य
इस वर्ष की थीम थी—“Ayurveda for Public Health”। इसका उद्देश्य आधुनिक जीवनशैली में आयुर्वेद की प्रासंगिकता और इसके स्वास्थ्य लाभों को आम जनता तक पहुँचाना था। विशेषज्ञों ने बताया कि संतुलित आहार, प्राकृतिक औषधियों और नियमित जीवनशैली से न केवल रोगों की रोकथाम संभव है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य को भी सुदृढ़ किया जा सकता है।
विशेषज्ञों और अधिकारियों के विचार
उत्तराखंड में आयोजित कार्यक्रमों में उपस्थित विशेषज्ञों और अधिकारियों ने कहा कि आयुर्वेद केवल रोगों के इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शरीर, मन और आत्मा के संतुलन की संपूर्ण प्रणाली है। उन्होंने आधुनिक अनुसंधान के साथ आयुर्वेद के एकीकृत स्वास्थ्य मॉडल पर भी जोर दिया।
जनभागीदारी और जागरूकता
विद्यालयों, कॉलेजों और सामुदायिक केंद्रों में आयोजित गतिविधियों में युवाओं और महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सोशल मीडिया पर #AyurvedaDay और #AyurvedaForHealth हैशटैग के माध्यम से लोगों में आयुर्वेद के प्रति जागरूकता फैलाने का काम किया गया।
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का यह भव्य आयोजन उत्तराखंड में आयुर्वेद की समृद्ध परंपरा को बढ़ावा देने और आम जनता को प्राकृतिक स्वास्थ्य पद्धतियों के महत्व से अवगत कराने का प्रतीक है। भारतीय चिकित्सा परिषद और आयुष मंत्रालय के प्रयास न केवल पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित कर रहे हैं, बल्कि आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली में आयुर्वेद को सशक्त विकल्प के रूप में स्थापित कर रहे हैं।

