केदारनाथ के खच्चर चालक का बेटा बना IITian: संघर्ष की मिसाल बना अतुल कुमार-Newsnetra
उत्तराखण्ड की पुण्यभूमि केदारनाथ से इस बार श्रद्धा की नहीं, बल्कि संघर्ष, मेहनत और सफलता की प्रेरणादायक कहानी सामने आई है। घोड़ा-खच्चर चलाकर यात्रियों को केदारनाथ तक पहुंचाने वाला छात्र अतुल कुमार अब भारत के शीर्ष तकनीकी संस्थानों में से एक IIT मद्रास में एमएससी गणित की पढ़ाई करेगा। उसने IIT JAM 2024 परीक्षा में ऑल इंडिया 649वीं रैंक हासिल कर यह मुकाम पाया।



📘 संघर्ष की राह से सफलता की ऊंचाई तक
अतुल का जीवन आसान नहीं था। वह उन हजारों युवाओं में से एक है जो गर्मियों में केदारनाथ यात्रा के दौरान घोड़ा-खच्चर चलाकर अपनी और अपने परिवार की आजीविका चलाते हैं। लेकिन अतुल के अंदर एक अलग ही आग थी—शिक्षा के प्रति समर्पण और कुछ कर दिखाने का जज्बा।
वह वर्तमान में हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर गढ़वाल के बिड़ला कैंपस से बीएससी अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहे अतुल ने हर कक्षा में प्रथम श्रेणी प्राप्त की। किसी कोचिंग या बड़ी सुविधाओं के बिना, उसने खुद के सीमित संसाधनों से IIT JAM की तैयारी की और सफल हुआ।
👨👩👧👦 पारिवारिक पृष्ठभूमि
अतुल के पिता ओम प्रकाश लाल और मां संगीता देवी चार बच्चों के माता-पिता हैं। अतुल परिवार में दूसरे नंबर पर है। आर्थिक चुनौतियों के बावजूद, उनके माता-पिता ने बच्चों को शिक्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
🌟 प्रेरणा बनता नाम
अतुल की यह उपलब्धि ना सिर्फ उत्तराखण्ड के युवाओं के लिए बल्कि देश के हर उस बच्चे के लिए एक प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बीच भी बड़े सपने देखता है। उसकी कहानी यह साबित करती है कि अगर मेहनत, लगन और धैर्य हो तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।
🗣️ अतुल का संदेश
अतुल का मानना है—“हालात चाहे जैसे भी हों, अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और इरादा मजबूत, तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती।”
निष्कर्ष:
केदारनाथ की पवित्र घाटियों से निकलकर IIT मद्रास तक पहुंचने वाली अतुल की यह यात्रा बताती है कि घोड़ा-खच्चर चलाने वाला लड़का भी आईआईटी की ऊंचाइयों को छू सकता है। यह कहानी उन लाखों युवाओं के लिए एक संदेश है—संघर्ष से डरो मत, सपनों को जीने की हिम्मत करो।