Lok Sabha Election: दिग्गजों नेताओं का भाग्य ईवीएम मे कैद-Newsnetra
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आज पांच लोकसभा सीटों पर हो रहे चुनाव को लेकर कांग्रेस व भाजपा के दिग्गज नेताओं ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए लम्बे समय से एडी-चोटी का जोर लगा रखा था। दिग्गज नेताओं को इस बात का भय चुनाव होने तक लगा हुआ था कि अगर वह अपनी लोकसभा से बाहर निकले तो कहीं चुनाव में उनके साथ भीतरघात का खेल न हो जाये यही कारण है कि भाजपा व कांग्रेस के अधिकंाश दिग्गज नेताओं ने अपनी लोकसभा को ही अपना चुनावी रण बना रखा था। आज सुबह से ही सभी राजनीतिक दलों के दिग्गज नेताओं ने अपनी जीत के लिए अपने समर्थकों को घरों से मतदाताओं को बाहर निकालने के मिशन में मैदान में उतार रखा था। सुबह ही जहां खटीमा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी माता, पत्नी के साथ मतदान किया। वहीं हरीश रावत ने भी में अपना मतदान किया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र ने सुबह भगवान का आशीर्वाद लेकर अपना वोट डाला तो वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी श्रीनगर में अपना मतदान किया और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने चकराता में जोश के साथ अपना वोट डाला तो वहीं निर्दलीय प्रत्याशी उमेश कुमार ने अपनी पत्नी सोनिया शर्मा के साथ अपना मतदान किया। सभी दिग्गज नेताओं की नजर मतदान केन्द्रों पर लगी हुई थी और सभी दिग्गज अपने समर्थकों को जल्द से जल्द मतदान केंद्रों पर मतदान करने के लिए उन्हें रवाना कर रहे थे। चुनाव में कांग्रेेस, भाजपा सहित सभी दिग्गजों का राजनीतिक भविष्य ईवीएम में कैद हो गया।
लोकसभा चुनाव सरकार के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने छह माह के कार्यकाल में आवाम के मन से भाजपा को लेकर चली आ रही नाराजगी को बडे पैमाने पर दूर करके राज्य के अन्दर भाजपा के पक्ष मंे एक बडा माहौल तैयार कर दिया था। खटीमा में पुष्कर सिंह धामी की जीत सुनिश्चित करने के लिए उनकी पत्नी गीता धामी लम्बे समय से खटीमा के चप्पे-चप्पे पर घर-घर पुष्कर सिंह धामी का प्रचार कर रही थी। वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को भले ही पार्टी ने मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया लेकिन वह अपने आपको मुख्यमंत्री का चेहरा मानकर भाजपा से चुनावी युद्ध लडते रहे और लालकुंआ से अपनी व हरिद्वार ग्रामीण से अपनी बेटी अनुपमा रावत की जीत के लिए हरीश रावत बार-बार सोशल मीडिया पर मार्मिक अपील कर अपनी व बेटी की जीत के लिए अपील करते हुए दिखाई दिये। सुबह ही उन्होंने अपना मत डाला और कुछ प्रत्याशियों को सोशल मीडिया पर अपने लिए मतदान कराने की अपील करते हुए साफ देखा गया। इस बार का मतदाता काफी शांत दिखाई दिया तो भाजपा व कांग्रेस को इस बात का आभास नहीं हो पा रहा था कि राज्य की जनता का मन आखिर एक बार फिर राज्य में कमल खिलाने का है या फिर उसने राज्य में चले आ रहे मिथक को सत्य रखने का फैसला किया हुआ है? सुबह से लेकर शाम तक कांग्रेस,
भाजपा के बडे-बडे दिग्गज अपनी विधानसभा में हर बूथ पर जाकर वहां मतदाताओं का रूझान देखने में लगे हुये थे और जिस तरह से आज का मतदान चल रहा था और जिस तरह से पोलिंग एजेंटों के बस्तों पर खामोशी का आलम दिखाई दे रहा था वह काफी हैरान करने वाला था। सरकार के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना था कि राज्य की जनता राष्ट्रहित में मतदान करेगी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तराखण्ड के विजन को देखते हुए एक बार फिर राज्य में कमल खिलायेगी। वहीं कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत दम भर रहे थे कि राज्य में चारो तरफ कांग्रेस की लहर है और इस बार कांग्रेस को सत्ता मंे आने से कोई नहीं रोक सकता। कुल मिलाकर कहा जाये तो आज भाजपा, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेताओं का राजनीतिक भविष्य ईवीएम में कैद हो गया।