Munawwar Rana Death : मुनव्वर राना का दिल का दौरा पड़ने से निधन | लंबे समय से बीमार थे मुनव्वर | News Netra
काफी समय से बीमार चल रहे मुनव्वर राणा संजय गांधी अस्पताल पीजीआई मे भर्ती थे। मुनव्वर राणा के बेटे तबरेज ने बताया कि करीब 14 दिन पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था। 71 के वर्ष की आयु में रविवार की रात में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्होंने रविवार रात अपनी अंतिम सांस ली. इनके परिवार में इनकी पत्नी, चार बेटियां और एक बेटा है। जानकारी के मुताबिक,
मुनव्वर राना को क्रोनिक किडनी बीमारी की समस्या थी और हफ्ते में तीन बार उन्हें डायलसिस से गुजरना पड़ता था. पिछले दिनों उन्हें निमोनिया भी हुआ था। सोमवार को उन्हें लखनऊ के ऐशबाग कब्रिस्तान में सिपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
कोन थे ? मुनव्वर राणा
मुनव्वर राणा का जन्म 26 नवंबर 1952 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुआ था. उर्दू साहित्य और कविता में उनका योगदान, खासकर उनकी गजलों के लिए व्यापक रूप से पहचाना गया. वह अक्सर हिंदी और अवधी शब्दों का इस्तेमाल करते थे, जो भारतीय श्रोताओं को काफी पसंद आता था. उनकी सबसे प्रसिद्ध कविता ‘मां’ है, जो गजल शैली में मां के गुणों का वर्णन करती है।
वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) चीफ अखिलेश यादव ने भी राना के देहांत पर दुख जताया. उन्होंने एक्स पर लिखा- तो अब इस गांव से रिश्ता हमारा खत्म होता है, फिर आंखें खोल ली जाएं कि सपना खत्म होता है. देश के जाने-माने शायर मुन्नवर राना का निधन अत्यंत हृदय विदारक है। मैं दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करता हूं। भावभीनी श्रद्धांजलि।
कविताओं, गजलों से मिली प्रसिद्धि
मुनव्वर राणा हिंदी, उर्दू और अवधी भाषा के प्रमुख कवि थे. साथ ही उनकी लिखी गजलें भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. उनकी सबसे प्रसिद्ध कविता ‘मां’ है. उर्दू साहित्य में मुनव्वर के योगदान के लिए उन्हें साल 2012 में शहीद शोध संस्थान द्वारा माटी रतन सम्मान (Maati Ratan Samman) और साल 2014 का साहित्य अकादमी पुरस्कार (Sahitya Akademi Award) भी दिया जा चुका है. इसके अलावा उन्हें अमीर खुसरो पुरस्कार, मीर तकी मीर पुरस्कार, गालिब पुरस्कार, डॉ. जाकिर हुसैन पुरस्कार और सरस्वती समाज पुरस्कार से भी नवाजा गया. हालांकि, बाद में उन्होंने साहित्य अकादमी पुरस्कार को वापस भी कर दिया था।
मुनव्वर राणा का सबसे मशहूर शेर
गौरतलब है कि मुनव्वर खासकर अपने उन शेरों के लिए जाने जाते हैं जो उन्होंने मां पर लिखे हैं. मां पर लिखा उनका शेर ‘किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकां आई. मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में मां आई’. यह आज हर शख्स की जुबां पर है।
विवादों से पुराना नाता था मुनव्वर राणा का
राम मंदिर पर फैसला, CM योगी के चुनाव जीतने, किसान आंदोलन, सहित कई मुद्दों को लेकर मुनव्वर राणा विवादों में रहें. राम मंदिर पर फैसला आने के बाद मुनव्वर राणा ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर सवाल उठाया था।
- साल 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान मुनव्वर राणा ने कहा था कि अगर CM योगी दोबारा UP के मुख्यमंत्री बन गए तो मैं उत्तर प्रदेश छोड़कर कोलकाता चला जाऊंगा।
- किसान आंदोलन के दौरान मुनव्वर राणा एक ट्वीट को लेकर काफी विवादों में रहें, जिसमें उन्होंने संसद को गिरा कर खेत बनाने की बात लिखी थी।
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने भी मुनव्वर राणा के निधन पर शोक जताया
कांग्रेस ने भी X पर पोस्ट किया है. कांग्रेस ने अपने पोस्ट में लिखा ‘मशहूर शायर मुनव्वर राणा जी का निधन बहुत ही पीड़ादायक है, शायरी की दुनिया में एक युग का अंत है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति और उनके परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. विनम्र श्रद्धांजलि।
साथ ही कवि कुमार विश्वास ने भी X पर श्रद्धांजलि करते हुए पोस्ट किया है. कुमार विश्वास ने अपने पोस्ट में कहा कि ‘मुनव्वर राना नहीं रहे. उनके जीवन के आख़री दशक में उनसे गम्भीर मतभेद रहे. किंतु कवि-सम्मेलनीय यात्रा के शुरुआती दौर में मंचों पर उनके साथ काफ़ी वक्त बीता. उन तमाम यादों के साथ उन्हें श्रद्धांजलि सहित ईश्वर से प्रार्थना कि उनके परिजनों को शक्ति प्रदान करे. ऊं शांति ऊं।
Report by – sandhya kumari