रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ: अयोध्या नगरी में भव्य उत्सव का शुभारंभ, सीएम योगी करेंगे अभिषेक-Newsnetra
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11 जनवरी 2025 को अयोध्या नगरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाई जा रही है। इस ऐतिहासिक अवसर पर श्रद्धालुओं के बीच विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है। राम मंदिर में तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया गया है, जिसमें धार्मिक अनुष्ठान, यज्ञ, राम कथा, महाआरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
राम मंदिर का निर्माण लंबे समय से देशवासियों की आस्था और संघर्ष का प्रतीक रहा है। सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय के बाद राम मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू हुआ, और 11 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई। इस घटना ने न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक विशेष भावनात्मक क्षण प्रस्तुत किया।
समारोह का आयोजन
इस वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ रामलला के अभिषेक से हुआ। अभिषेक के दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना की गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस पवित्र अनुष्ठान में भाग लिया। दोपहर 12:20 बजे महाआरती का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और धार्मिक आयोजन
समारोह के अंतर्गत कई सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें रामकथा का पाठ, भजन संध्या, यज्ञ और प्रसाद वितरण शामिल हैं। मंदिर परिसर में भव्य सजावट की गई है, जिससे पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल बना हुआ है।
श्रद्धालुओं का उत्साह
देशभर से श्रद्धालु इस पवित्र आयोजन में भाग लेने के लिए अयोध्या पहुंचे हैं। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। इस आयोजन को देखते हुए प्रशासन ने भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं।
मुख्यमंत्री का संदेश
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “यह दिन हमारे लिए अत्यंत पवित्र और ऐतिहासिक है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा देशवासियों की आस्था का प्रतीक है, और हम सबका कर्तव्य है कि हम भगवान श्रीराम के आदर्शों पर चलकर एक सशक्त और समृद्ध भारत का निर्माण करें।”
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ अयोध्या में एक भव्य पर्व के रूप में मनाई जा रही है। यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह देशवासियों को भगवान राम के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा भी देता है। आने वाले दिनों में भी इस तरह के आयोजन हमारी सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करते रहेंगे।
जय श्री राम!