ऑपरेशन कालनेमि: धार्मिक आस्था के नाम पर धोखाधड़ी पर सख्ती-Newsnetra


उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ऑपरेशन कालनेमि के तहत एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें कुछ लोग किन्नर का भेष धारण कर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे। यह घटना देहरादून के सानी लोक कॉलोनी (झीवरहेड़ी, शिमला बायपास रोड) की है, जहां एक गृह प्रवेश कार्यक्रम के दौरान चार लोग किन्नर बनकर पहुंचे और आशीर्वाद देने के बहाने घरवालों से जबरन पैसे मांगने लगे। संदेह होने पर परिवार ने तत्काल पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम यासीन (32 वर्ष) निवासी सहारनपुर, उत्तर प्रदेश बताया, जबकि उसके तीन साथी मौके से फरार हो गए।
यह घटना ऑपरेशन कालनेमि के व्यापक उद्देश्यों को उजागर करती है, जिसका मकसद धार्मिक पहचान का झूठा सहारा लेकर लोगों को धोखा देने वाले फर्जी साधुओं, बाबाओं और अन्य रूपों में छिपे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है। उत्तराखंड पुलिस द्वारा शुरू किए गए इस विशेष अभियान के तहत हाल ही में राज्यभर में 136 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 82 फर्जी साधु, 45 ढोंगी बाबा, और कुछ विदेशी नागरिक शामिल हैं।
देहरादून की यह घटना दर्शाती है कि अब ठग केवल साधु-संत के रूप में ही नहीं, बल्कि किन्नर जैसे सामाजिक रूपों को अपनाकर भी लोगों की धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अजनबी को बिना सत्यापन के घर में प्रवेश न दें, और यदि कोई व्यक्ति धार्मिक पहचान का सहारा लेकर जबरन पैसे मांगता है तो तत्काल स्थानीय पुलिस को सूचित करें।
यह मामला न सिर्फ अपराध की एक नई प्रवृत्ति की ओर संकेत करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस तरह से समाज की आस्था और परंपराएं अब अपराधियों के हथियार बनती जा रही हैं। ऐसे में पुलिस और समाज दोनों की सजगता जरूरी है, ताकि धार्मिक विश्वास का दुरुपयोग करने वाले इन अपराधियों को समय रहते रोका जा सके।