भू कानून के नाम पर प्रदेशवासियों को भ्रमित कर रहे हैं पुष्कर सिंह धामी -Newsnetra
इस प्रदेश में निरंतर भाजपा सरकार द्वारा भू कानून को कमजोर करने का काम किया गया है इस क्रम में सबसे पहले 6 अक्टूबर 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी द्वारा इस प्रदेश के भू कानून को कमजोर करने का काम किया गया उनके द्वारा 1950 जमीदारी एक्ट की धारा 143 में 143 ए जोड़ने का काम किया गया जिससे इस प्रदेश में आसानी से कृषि भूमियों का लैंड यूज चेंज किया जा सके इसके साथ ही उनके द्वारा जमीदारी एक्ट की धारा 154 में बदलाव किया गया और जो कृषक व्यक्ति के द्वारा इस प्रदेश में भूमि खरीदने की अनिवार्यता थी उसको समाप्त करने का काम तत्कालीन भाजपा की सरकार द्वारा किया गया जिस कारण इस प्रदेश में सभी स्थानों पर भारी भू माफिया द्वारा संपत्ति खरीदने का काम जोरों शोरों पर सरकार की सैर पर किया गया तत्कालीन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी द्वारा भी इस प्रदेश के भू कानून को कमजोर करने का काम किया गया उनके द्वारा जो जिम्मेदारी एक्ट में कानून था अगर कोई व्यक्ति हमारे प्रदेश में उद्योग धंधों के लिए या किसी अन्य कार्य के लिए संपत्ति खरीदना है और 2 वर्ष के अंदर उसे पर कोई कार्य नहीं करता है तो उसकी संपत्ति सरकार में नियत हो जाएगी परंतु पुष्कर सिंह जी धामी जी द्वारा इस कानून को समाप्त करने का काम किया गया जिससे इस प्रदेश के भू कानून को कमजोर किया गया इसके साथ ही साथ जो प्रदेश में भू कानून के लिए समिति बनाई थी दी वहा कही माह पूर्व अपनी रिपोर्ट सरकार को दे चुकी है परंतु सरकार द्वारा ना उसे रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया और ना ही एक सशक्त भू कानून इस प्रदेश में लागू करने का काम किया गया यह देरी सरकार की मंशा पर सीधे-सीधे सवाल खड़ा करती है आज प्रदेश में चारों तरफ मजबूत भू कानून की मांग उठ रही है सरकार को जन भावनाओं को सम्मान करते हुए जल्द से जल्द इस प्रदेश में मजबूत भू कानून को लागू करने का काम करना चाहिए