केदारनाथ यात्रा मार्ग पर बारिश और भूस्खलन का कहर, श्रद्धालु गौरीकुंड में फंसे-Newsnetra


उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने एक बार फिर केदारनाथ यात्रा को प्रभावित किया है। गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच सोमवार को भारी भूस्खलन हुआ, जिससे रास्ते पर बड़े-बड़े पत्थर और मलबा आ गिरा। इससे यात्रा मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया और सैकड़ों की संख्या में यात्री बीच रास्ते फंस गए। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनज़र यात्रा को अस्थायी रूप से रोकने का निर्णय लिया।
इस मार्ग पर यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं को गौरीकुंड में ही रोक दिया गया, जबकि सोनप्रयाग की ओर से आ रहे यात्रियों को भी आगे नहीं बढ़ने दिया गया। स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई है। साथ ही जेसीबी और अन्य मशीनरी की मदद से मलबा हटाने का कार्य जारी है, ताकि रास्ता जल्द से जल्द सुचारू किया जा सके।
घटना के बाद चारधाम यात्रा मार्ग पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हालांकि, जिला प्रशासन ने स्थिति को संभालते हुए सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम किया। पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार निगरानी बनाए हुए हैं और मौसम विभाग से मिले पूर्वानुमानों के आधार पर सतर्कता बरती जा रही है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में जुलाई के महीने में मॉनसून के दौरान पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और मार्ग अवरोध आम बात है। विशेष रूप से केदारनाथ यात्रा मार्ग पर यह खतरा अधिक रहता है, क्योंकि यह मार्ग संकरी और पहाड़ी ढलानों से होकर गुजरता है।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा करें और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें और सुरक्षित स्थानों पर रुकने का प्रयास करें।
यह घटना एक बार फिर यह स्पष्ट करती है कि पहाड़ों में यात्रा के दौरान प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। हालांकि सरकार और प्रशासन लगातार प्रयास कर रहे हैं कि यात्रा सुचारू और सुरक्षित रूप से सम्पन्न हो, फिर भी ऐसी परिस्थितियों में जनसहभागिता और सजगता अत्यंत आवश्यक है।