ऑपरेशन सिंदूर” की कांवड़ लेकर निकले शिवभक्त🚩-Newsnetra


हरिद्वार की पावन धरती इस बार एक अनूठे और प्रेरणादायक दृश्य की साक्षी बनी। सावन माह में आयोजित कांवड़ यात्रा 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की एक विशेष टोली ने अपनी शिवभक्ति को राष्ट्रभक्ति के रंगों में रंगकर एक अद्भुत पहल की शुरुआत की — जिसका नाम है “ऑपरेशन सिंदूर”।
🔱 क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ कोई सैन्य अभियान नहीं, बल्कि श्रद्धा, सेवा और समर्पण का प्रतीक बन चुका है। यह उन शिवभक्तों का सामूहिक प्रयास है जो न केवल कांवड़ यात्रा में भाग ले रहे हैं, बल्कि इस अवसर को राष्ट्रप्रेम, अनुशासन और सामाजिक जागरूकता से जोड़कर एक नई दिशा दे रहे हैं।
सिंदूर, जो सामान्यतः शक्ति और मंगलता का प्रतीक माना जाता है, इस अभियान का प्रतीक बन गया है — एक ऐसा नाम जो अब देशभक्ति और शिवभक्ति दोनों के साथ गूंज रहा है।
🚩 भक्ति, अनुशासन और संदेश
इन शिवभक्तों की टोली ने भगवा वस्त्र धारण कर, हाथों में तिरंगा लिए, बम-बम भोले के जयकारों के साथ एक संगठित रूप में कांवड़ यात्रा शुरू की। उन्होंने न केवल शिव जलाभिषेक का संकल्प लिया, बल्कि यात्रा मार्ग की सफाई, आपातकालीन सहायता, और यातायात नियमों के पालन का भी जिम्मा उठाया।
उनके पास प्राथमिक चिकित्सा किट, पानी की बोतलें, और कूड़ा उठाने की थैलियाँ थीं। हर कदम पर वे लोगों को साफ-सफाई, प्लास्टिक-मुक्त यात्रा और सुरक्षित कांवड़ मार्ग के लिए प्रेरित करते नजर आए।
🛡️ उत्तराखण्ड पुलिस भी बनी सहभागी
उत्तराखण्ड पुलिस की ओर से इस यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए विशेष प्रबंध किए गए। #UKPoliceHaiSaath जैसे अभियान इस भावना को और सशक्त बनाते हैं कि प्रशासन और समाज जब एकजुट होकर काम करें, तो कोई भी उत्सव सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बन सकता है।
🌿 समाज को संदेश
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि भक्ति केवल मंदिरों तक सीमित नहीं, बल्कि समाज के प्रति कर्तव्यों को निभाना भी उतनी ही बड़ी भक्ति है। जब श्रद्धा के साथ समाज सेवा, पर्यावरण संरक्षण और राष्ट्रप्रेम भी जुड़ जाए, तो वह एक पूर्ण आध्यात्मिक अनुभव बन जाता है।