- राममय हुआ भारत, चारों ओर रामनाम की गूंज: स्वामी रामभजन वन
- रामभक्ति का संदेश लेकर स्वामी रामभजन वन महाराज अफ्रीका के लिए रवाना
हरिद्वार। रामभक्ति का संदेश लेकर निरंजनी अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी रामभजन वन महाराज साऊथ अफ्रीका के लिए रवाना हो गए। उन्होंने कहा भारत की यात्रा उनके लिए यादगार साबित हुई है। इस बार उन्हें अयोध्या में भगवान श्रीराम, हनुमान एवं काशी में बाबा विश्वनाथ एवं काल भैरव व पौराणिक पीठ शुक्रताल के दर्शन का सौभाग्य मिला। इसके साथ ही उन्होंने सरस्वती पूजनोत्सव एवं महायज्ञ अनुष्ठान में शामिल होकर बच्चों का विद्यारंभ संस्कार संपन्न कराया। ऐसे में उनकी भारत यात्रा वास्तव में यादगार साबित हुई। इस बार वें रामभक्ति का संदेश लेकर जा रहे है। वास्तव में भारत रामायण हो गया है लोग भगवान राम के प्रेम में अभिभूत होकर जय श्री राम, जय श्री राम के नारे लगा रहे हैं। सनातन धर्म का उदय हो रहा है निश्चित तौर पर आने वाले समय में एक नए भारत का निर्माण होगा और भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। इसके लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी सहित समस्त देशवासी बधाई के पात्र हैं।
गौरतलब है कि श्री तपोनिधि पंचायती अखाड़ा निरंजनी, मायापुर हरिद्वार के अंतराष्ट्रीय संत स्वामी रामभजन वन जी महाराज, संस्थापक अध्यक्ष शिवोपासना संस्थान डरबन साउथ अफ्रीका एवं शिव उपासना धर्मार्थ ट्रस्ट हरिद्वार 4 फरवरी को हरिद्वार पहुंचे थे। भारत यात्रा के दौरान उन्होंने सिद्धपीठ बाबा स्थान, जगजीतपुर के जीर्णोद्धार कार्यक्रम में शामिल होकर पूजन संपन्न कराया। वहीं पौराणिक तीर्थ शुक्रताल के दर्शन किए। पूर्वांचल उत्थान संस्था के सरस्वती पूजनोत्सव एवं महायज्ञ अनुष्ठान में भाग लेकर बच्चों का विद्यारंभ संस्कार संपन्न कराया।
इसके उपरांत अयोध्या में हनुमान गढ़ी एवं रामलला के दर्शन के उपरांत काशी पहुंचकर बाबा विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग और बाबा काल भैरव के दर्शन किए। हरिद्वार लौटकर उन्होंने साधु-संतों के लिए भंडारा कर दक्षिणा प्रदान की। सोमवार को शिव शक्ति कुटी, कनखल में उनके गुरु भाई स्वामी मधुरवन, स्वामी उमेश वन, स्वामी विंध्याचल वन, स्वामी रामशरण वन, स्वामी नितेश वन, स्वामी घनश्याम वन, भंडारी गोवर्धन एवं विकास कुमार झा, पत्रकार ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंटकर आगे की यात्रा के लिए अपनी शुभकामनाएं दी।