देहरादून-मसूरी रोड का मशहूर मैगी प्वाइंट आपदा के बाद खंडहर में तब्दील, दुकानदारों की रोज़ी-रोटी पर संकट-Newsnetra
देहरादून-मसूरी मार्ग का मैगी प्वाइंट, जहां कभी गर्मागर्म मैगी और चाय के लिए भीड़ उमड़ती थी, अब आपदा के बाद खंडहर में बदल गया है। पर्यटन के इस लोकप्रिय ठिकाने पर दुकानों की रौनक और यात्रियों की चहल-पहल की जगह अब मलबा, टूटी सड़कें और पसरा हुआ सन्नाटा नजर आ रहा है।
दुकानदारों की टूटी दुनिया
आपदा ने सबसे ज्यादा चोट इन्हीं दुकानदारों को दी है। वर्षों से चल रही दुकानें या तो मलबे के साथ बह गईं या मलबे से भर गईं। गिरते पहाड़ों और मलबे के सैलाब ने मिनटों में उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। दुकानदार अमन पंवार का कहना है, “यह दुकान ही हमारा सबकुछ थी। अब समझ नहीं आ रहा कि आगे का जीवन कैसे चलेगा।”
वहीं, रोहित रावत कहते हैं, “दुकान के अंदर तक मलबा भरा है। यह भी नहीं पता कि इसे फिर से कैसे खड़ा करेंगे।”


मसूरी-दून मार्ग अब भी असुरक्षित
भले ही शिव मंदिर के पास बैली ब्रिज बनाकर मसूरी-दून मार्ग को आंशिक रूप से खोल दिया गया है, लेकिन यह रास्ता अभी भी खतरे से खाली नहीं है। कुठालगेट से झड़पानी रोड तक जगह-जगह मलबे के पहाड़ हैं। कई हिस्सों में सड़क का आधे से ज्यादा हिस्सा बह चुका है। कहीं सड़क पर दरारें हैं तो कहीं धंसाव जारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ दिनों तक इस मार्ग पर अत्यधिक सावधानी से ही यात्रा करनी चाहिए।
सन्नाटे में डूबी कभी रौनक भरी सड़क
मैगी प्वाइंट का इलाका, जो सामान्य दिनों में पर्यटकों की चहचहाहट और दुकानों की रंग-बिरंगी रोशनी से गुलजार रहता था, अब सुनसान है। करीब 12 किलोमीटर तक फैला यह इलाका मानो आपदा की गवाही दे रहा हो। दिन के उजाले में भी पसरा सन्नाटा इस बात की याद दिला रहा है कि किस तरह कुछ ही घंटों में खुशियां तबाही में बदल सकती हैं।
पर्यटन और रोजगार पर गहरा असर
यह आपदा न केवल दुकानदारों की रोज़ी-रोटी छीन लाई है, बल्कि देहरादून-मसूरी के पर्यटन उद्योग को भी बड़ा झटका दिया है। मैगी प्वाइंट जैसे स्थान पर्यटकों के आकर्षण का अहम हिस्सा थे। अब जब यह मार्ग ही असुरक्षित हो गया है, तो आने वाले महीनों में पर्यटन गतिविधियों पर असर पड़ना तय है।
भविष्य को लेकर चिंता
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार को न सिर्फ सड़क की मरम्मत और सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए, बल्कि प्रभावित दुकानदारों के पुनर्वास और मुआवजे के लिए भी ठोस कदम उठाने चाहिए। जब तक इस क्षेत्र की मरम्मत और सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती, तब तक इस मार्ग की पुरानी रौनक लौटना मुश्किल है।