News Netra.Com
यूजेवीएन लिमिटेड द्वारा आज विश्वविख्यात प्रेरक वक्ता शिव खेड़ा की कार्यशाला का आयोजन हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र, देहरादून में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन संयुक्त रूप से श्री शिव खेड़ा, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद वर्धन, सचिव ऊर्जा डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम तथा प्रबंध निदेशक यूजेवीएन लिमिटेड डॉ. संदीप सिंघल द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव डॉ. से संधू ने कहा कि जीवन में सफलता के साथ-साथ ज्ञान होना भी आवश्यक है। साथ ही हमारे जीवन में आगे बढ़ाने के लिए जीतना आवश्यक तो है पर हमें किसी को हराकर नहीं जीतना है अपितु सभी को साथ लेकर जितना महत्वपूर्ण होता है। डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कार्यक्रम के महत्व पर बोलते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम हमें जीवन को रचनात्मक रूप से आगे बढ़ने में मदद करते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे प्रयास रहेंगे कि आगे भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहें। प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप सिंघल ने आज के कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्यक्रम शासन प्रशासन तथा अन्य विभागों के अधिकारियों में नेतृत्व गुण को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रभावशाली नेतृत्व के लिए रचनात्मक सोच और विश्वसनीय कार्य प्रणाली का विशेष महत्व होता है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री शिव खेड़ा ने कहा कि सफलता के लिए प्रभावशाली नेतृत्व के गुण आवश्यक होते हैं। उन्होंने कहा कि इस हेतु हमें भरोसे, कर्तव्यनिष्ठा और जवाबदेही की भावना से युक्त कार्य संस्कृति अपनानी होगी। उन्होंने रचनात्मक दृष्टिकोण, बेहतरीन नेतृत्व क्षमता, अभिप्रेरणा, पारस्परिक कौशल, लक्ष्य निर्धारण, संचार, जीवनमूल्यों आदि पर विचार रखे। शिव खेड़ा ने कहा कि आगे बढ़ने और सफल होने के लिए कौशल से अधिक महत्वपूर्ण चरित्र और रचनात्मक सोच होती है।
साथ ही उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि विजयी होने के लिए हमें भाग्य के भरोसे न रहकर अतिरिक्त श्रम, अभ्यास और प्रयास करने चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सफल नेतृत्वकर्ता के लिए सत्यनिष्ठा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। साथ ही उन्होंने कहा कि भीड़ से अलग दिखने के लिए असाधारण कार्य करने पड़ते हैं। शिव खेड़ा ने सफलता प्राप्त करने के लिए सही समय पर सही स्थान पर होने के साथ ही सही सोच के साथ सही कार्य संस्कृति अपनाने पर जोर दिया। बेहतर और प्रभावशाली संवाद के लिए उन्होंने शब्दों में सरलता, स्पष्टता तथा सौम्यता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें अपनी विफलताओं का दोषारोपण परिस्थितियों या दूसरे व्यक्तियों पर ना करके आत्ममंथन करते हुए अपनी कमियों में सुधार करना चाहिए तभी हम सफल हो सकते हैं।
उक्त कार्यशाला में शासन प्रशासन के विभिन्न अधिकारियों के साथ ही यूजेवीएन लिमिटेड के निदेशक परियोजनाएं एस.सी. बलूनी, निदेशक वित्त सुधाकर बडोनी, निदेशक परिचालन अजय कुमार सिंह, अधिशासी निदेशक राजेंद्र सिंह, हिमांशु अवस्थी तथा पंकज कुलश्रेष्ठ के साथ ही अन्य कई विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।