Dehradun News : कड़ाके की ठंड के बीच उत्तराखंड के गांवों में छह घंटे तक बिजली संकट गहराया- Newsnetra
पिछले दो दिनों में बिजली की कमी बढ़ गई है, जिससे ग्रामीण इलाकों में छह घंटे तक की बिजली कटौती का असर बढ़ गया है। छोटे कस्बे और शहर भी अछूते नहीं हैं, जहां तीन से चार घंटे तक बिजली कटौती हो रही है। स्टील भट्टियों के लिए स्थिति विशेष रूप से गंभीर है, जहां कटौती दस घंटे तक बढ़ जाती है, जिससे पहले से ही कड़ाके की ठंड से जूझ रहे लोगों की चिंताएं और बढ़ जाती हैं। उधर, कम उपलब्धता की वजह से यूपीसीएल ने मंगलवार को ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही छोटे शहर-कस्बों में भी कटौती शुरू कर दी है।
इस महीने पहली बार बिजली की मांग 4.9 करोड़ यूनिट से ऊपर पहुंच गई है। इसके सापेक्ष यूपीसीएल के पास यूजेवीएनएल से एक करोड़ यूनिट, केंद्रीय परियोजनाओं से राज्य की 1.4 करोड़ यूनिट, अन्य माध्यमों से 2.1 करोड़ यूनिट बिजली मिलाकर कुल 4.6 करोड़ यूनिट तक ही उपलब्ध हो रही है। 20 से 40 लाख यूनिट बिजली बाजार से खरीदनी पड़ रही है जो कि पीक आवर्स में पूरी उपलब्ध नहीं हो पा रही।
इस वजह से हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर के ग्रामीण इलाकों में चार से पांच घंटे कटौती हो रही है। छोटे कस्बों लंढौरा, मंगलौर, लक्सर, बहादराबाद, ढकरानी, सेलाकुईं, सहसपुर, विकासनगर, डोईवाला, कोटद्वार, ज्वालापुर, जसपुर, किच्छा, खटीमा, रामनगर, गदरपुर और बाजपुर में तीन से चार घंटे कटौती हो रही है। रुद्रपुर, काशीपुर, हल्द्वानी, सितारगंज और रुड़की में भी डेढ़ से ढाई घंटे की कटौती की जा रही है। वहीं स्टील फर्नेश में भी नौ से 10 घंटे की बिजली कटौती हो रही है।
प्रदेश में मौसम के बदलाव के साथ ही बिजली की मांग नए स्तर पर पहुंच रही है। पिछले पांच साल के आंकड़े देखें तो 2018 में सितंबर में बिजली की अधिकतम मांग चार करोड़ यूनिट, 2019 और 2020 में 4.3 करोड़ यूनिट, 2021 में 4.4 करोड़ यूनिट, 2022 में 4.9 करोड़ यूनिट तक रही। इस साल सितंबर माह के शुरुआत में ही बिजली की मांग बढ़नी शुरू हो गई, जो मंगलवार को लगातार दूसरे दिन पांच करोड़ यूनिट से ऊपर रही। यूपीसीएल प्रबंधन लगातार मांग के मुकाबले आपूर्ति के प्रयास कर रहा है। आपको बता दें कि हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसी किल्लत को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से केंद्रीय कोटे से 400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की मांग रखी है।
Report by – sandhya kumari