न्यूज नेत्रा, जयवीर पुंडीर
जंगली जानवर खेती के दुश्मन बन बैठे हैं। बात नहीं तक नहीं बल्कि जंगली जानवर इंसानों की जान भी ले रहे हैं। ऐसी खबरें समय-समय पर आती रहती हैं। ऐसे मजबूरी यह है कि करें तो करें क्या। सरकार के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। ऐसा भी कहा जा सकता है कि सरकार कुछ कर ही नहीं रही है। ऐसे में अब ग्रामीण आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं।
कत्यूर घाटी में बंदर भगाओ, खेती बचाओ की आंदोलन की पटकथा लिखी जा चुकी है ाअैर अब नये साल के दूसरी तारीख से यहां आंदोलन शुरू हो रहा है।
मीडिया को जारी जानकारी के आंदोलन के बाबत बताया गया है। 2 जनवरी 2024 को कपकोट मे पुष्कर सिंह धामी माननीय मुख्य मंत्री जी को ज्ञापन दिया जायेगा। कुछ सकारात्मक कदम नहीं उठाये गये तो 15 जनवरी को गाँधी चबूतरा गरुड़ मे खुली बैठक और जन सभा होगीA अगर फिर भी कुछ कार्यवाही नहीं तो 10 फ़रवरी 2024 शनिवार को कत्युर बैजनाथ नुमाइस मैदान मे एक विशाल जनसभा होगी और जुलूस का कार्यक्रम भी उसी दिन गरुड़ बैजनाथ मे होगा
गरुड़ सिविल सोसाइटी ने की है पहल
इसहेतु सोशल मीडिया के माध्यम से लोगो को जोड़ने की कवायत शुरू हो गई है
बन्दर भगाओ-खेती बचाओ व्हाट्सप ग्रुप में जुड़ चुके है 600 से अधिक लोग