क्या होता है Virtual Touch, क्यों जरूरी है नाबालिगों को वर्चुअल टच की जानकारी-Newsnetra
नाबालिगों को वर्चुअल टच की जानकारी: एक अहम जरूरत
बच्चों को सिखाया जाता है कि कैसे स्मार्टफोन या कंप्यूटर का उपयोग करें, लेकिन क्या उन्हें वर्चुअल टच की जानकारी भी होनी चाहिए? यह सवाल उत्तर देते हुए, दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। इस नई दिशा के साथ, हमें बच्चों को गुड टच और बैड टच के साथ-साथ वर्चुअल टच के बारे में भी शिक्षित करने की जरूरत है।
Virtual Touch होता क्या है ?
वर्चुअल टच एक तकनीक है जो वर्चुअल रियलिटी (VR) और इंटरेक्टिव मीडिया के माध्यम से हमारे संवाद को अनुभव करने की क्षमता प्रदान करती है। इसके माध्यम से उपयोगकर्ता वास्तविकता के अनुभव को महसूस करते हैं, जो उन्हें एक नए स्तर की अनुभूति प्रदान करता है।
क्या बच्चों के लिए वर्चुअल टच का महत्व:
- तकनीकी उपकरण का अधिक सक्षम उपयोग: बच्चों को वर्चुअल टच की जानकारी होने से उन्हें तकनीकी उपकरणों का सही तरीके से उपयोग करने में मदद मिलती है।
- सीखने का नया तरीका: वर्चुअल टच के माध्यम से बच्चे अधिक संजीवनीय और संवादात्मक शिक्षा का अनुभव करते हैं।
- मानसिक विकास: इसके माध्यम से बच्चों का मानसिक विकास भी होता है, क्योंकि यह उन्हें नए अनुभवों का सामना करने की क्षमता प्रदान करता है।
क्यों जरूरी है वर्चुअल टच की जानकारी ?
नाबालिगों को वर्चुअल टच की जानकारी होना जरूरी है क्योंकि यह उन्हें नए शिक्षा के साथ-साथ नए तकनीकी उपकरणों के सही उपयोग की सीख देता है। इससे उनका मानसिक विकास भी होता है और वे तकनीकी दुनिया में अधिक सक्षम होते हैं।
क्या था वो मामला, जिस पर कोर्ट ने की टिप्पणी ?
अदालत ने यह टिप्पणी 16 वर्षीय लड़की पर यौन उत्पीड़न करने में मुख्य आरोपी की मदद करने वाली उसकी मां की जमानत खारिज करते हुए की. उस महिला पर पीड़िता को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर करने के साथ-साथ उसे एक कमरे में कैद करने का भी आरोप है. उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि यह मामला उस स्थिति से संबंधित है जहां एक 16 वर्षीय लड़की का कथित तौर पर एक व्यक्ति ने अपहरण कर लिया था, जिससे वह सोशल मीडिया ऐप पर मिली थी, और उसे एक कमरे में रखा गया और 20-25 दिन तक उसका यौन उत्पीड़न किया गया.
कोर्ट के आदेश में लिखा है, इस दर्द भरी कहानी में और गहरा मोड़ तब आया जब उसे पैसे के बदले में उसकी इच्छा के विरुद्ध 45 वर्षीय व्यक्ति के साथ शादी करने के लिए मजबूर किया गया. सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने पाया कि, आज का वर्चुअल वर्ल्ड टीनएजर्स के बीच स्नेह बढ़ने का जरिया बन गया है. हालांकि, टीनएजर्स को इस बात की जानकारी नहीं है कि वो वर्चुअल वर्ल्ड को कैसे हैंडल करें जो उन्हें वेश्यावृत्ति या मानव तस्करी के खतरों से बचाएं.