क्या आप 40 के दशक में सेवानिवृत्त होने का सपना देख रहे हैं ? आपका मार्गदर्शन करने के लिए यथार्थवादी योजना -Newsnetra
सेवानिवृत्ति की बात चलते ही हम अपने आप सोचने लगते हैं कि 60 साल के या उपर के हो गए हैं। क्या होगा अगर हम अपनी सेवानिवृत्ति को समय से पहले कर लें- 50 साल की आयु पर या उससे भी पहले। ये कठिन या असंभव लगता है लेकिन यह हो सकता है अगर इसे सुनियोजित तरीके से व ढंग से संपादित किया जाए।
समय से पहले सेवानिवृत्ति की योजना पर काम करने से पहले आपको अपनी वित्तीय दशा पर दूरदृष्टि डालते हुए स्पष्टता बरतनी होती और वित्तीय मजबूती के लिए पहले से योजना बनानी होगी। इसमें शामिल होता है अपने वित्तीय लक्ष्यों को पहचानना, वर्तमान वित्तीय स्थिति का आकलन और एक व्यापक योजना तैयार करना जिसमें बचत, निवेश व खर्च कवर होते हैं। इस लेख में हम कुछ आवश्यक कदमों का उल्लेख करेंगे जिन्हें आप समय पूर्व सेवानिवृत्ति की योजना बनाते हुए उठा सकते हैं और अपने लिए वित्तीय रूप से सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।
प्रथम और सबसे पहले: कार्पस की गणना
सबसे महत्वपूर्ण पहलू है सेवानिवृत्ति के बाद के कार्पस की गणना करना क्योकि इसी से तय होगा कि आपको सेवानिवृत्ति तक कितने पैसों की बचत और निवेश करना है जिससे कि आपको वित्तीय स्वतंत्रता मिल सके व आगे इच्छित जीवनशैली बरकरार रहे। योजना बनाते समय यह भी सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि बचत किया हुआ पैसा व्यय न हो जाए। इसके अतिरिक्त यह साल दर साल बढ़ता रहे और आदर्श स्थिति यह होगी कि मुद्रास्फीति से ज्यादा वृद्धि हो।
उदाहरण के लिए अगर आप 25 साल के हैं और 40 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति की सोच रहे हैं। आपका मासिक खर्च 2023 में 40000 रुपये का है। तो 6 फीसदी मंहगाई दर को मानते हुए जब अगले 15 वर्षों में आप 40 वर्ष के होंगे तब आपका मासिक खर्च करीब 95862 रुपये होगा। इसके साथ ही मंहगाई का असर आप पर सेवानिवृत्ति के बाद भी पड़ता रहेगा। इसे देखते हुए आपके सेवानिवृत्ति कार्पस पर इस सबका असर दिखना चाहिए।
यदि आपको 40 वर्ष की आयु में 11.5 लाख प्रति वर्ष खर्च के लिए चाहिए तो ये रकम मंहगाई के चलते 70 या 80 वर्ष की आयु आते आते और भी बढ़ जाएगी। इसलिए सेवानिवृत्ति कार्पस की गणना करते समय हर साल बढ़ने वाले खर्च को शामिल करना चाहिए।
फायर मैथेड
समय पूर्व सेवानिवृत्ति के लिए पैसे बचाने का एक अन्य तरीका है एफ.आई.आर.ई (फाइनैंशिएल इंडिपेंडेंस, रिटायर अर्ली) मैथेड। फायर मैथेड में मितव्ययी जीवनशैली पर जिसमें अधिकतम बचत, ऋणों से जल्दी छुटकारा और आक्रामक निवेश पर सक्रिय रिटर्न हासिल करना मुख्य केंद्रबिंदु होता है। फायर मैथेड के मूल सिद्धांतों में शामिल होता है खर्च घटाना, आय बढ़ाना, तेजी से बचाना, सकारात्मक आय देने वाली परिसंपत्तियों में निवेश और सतत निगरानी। इन सिद्धांतों के साथ आप संभवत: 50 साल या उससे पहले सेवानिवृत्ति ले सकते हैं।
क्रेडिट: विकास की प्रेरक शक्ति
बुद्धिमत्ता पूर्ण तरीके से उपयोग किया जाए तो क्रेडिट फायदेमंद हो सकता है। आप अपनी बढ़ने वाली परिसंपत्ति की खरीद के लिए क्रेडिट का उपयोग कर सकते हैं जो आपको दीर्घकाल में समृद्ध बनाने में मदद कर सकती है व आपको और अधिक वित्तीय रुप से स्वतंत्र बना सकती है। आपात स्थिति में क्रेडिट आपको लिक्विडिटी उपलब्ध करा सकती है बनिस्बत इसके कि आप लंबी अवधि की बचत योजनाओं में जमा पैसे समय पूर्व निकालें और ब्याज का नुकसान उठाएं।
आपकी जरुरतों व आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ऋणों में अनेक विकल्प मौजूद हैं जैसा होम लोन, कन्ज्यूमर ड्यूरेबल लोन या पर्सनल लोन।
मीडिया में प्रकाशित एक सर्वे के मुताबिक भारत में पर्सनल लोन के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 46 फीसदी की वृद्धि हुयी है और 67 फीसदी ऋण प्राप्तकर्ताओं ने अपने जीवन में किसी न किसी समय फंड की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन लिया है।
यहां तक कि होम क्रेडिट की वार्षिक स्टडी- हाउ इंडिया बारोज (एचआईबी) 2022, एक ऋण प्राप्तकर्त्ताओं की शापिंग या ऋण लेने में ईएमआई कार्ड की पसंद को दर्शाती है और महामारी के उपरांत ग्राहक बड़ी खरीद को आसान ईएमआई के जरिए करने में रुचि दिखा रहे हैं।
निवेश – अपने पैसों अपने काम आने लायक बनाएं
सेवानिवृत्ति कार्पस बनाने को आतुर लोगों को लिए निवेश के कई विकल्प हैं। यदि आप अधिक जोखिम भरे रास्ते को अपना कर अधिक ग्रोथ चाहते हैं तो आपके लिए शेयर बाजार में निवेश एक विकल्प है। आप आईपीओ के जरिए सीधे शेयरों में निवेश करते हैं या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
रियल एस्टेट भी निवेश का एक विकल्प है जहां आप बिना सक्रिय रुप से काम किए आय पैदा करते हैं। किराए पर दी जाने वाली संपत्तियां आय का एक सतत जरिया बनती हैं जिनमें समय के साथ वृद्धि भी होती है।
इसके अलावा निवेश के अन्य तरीकों में वो हैं जो सेवानिवृत्ति होने तक दीर्घकाल में न्यूनतम जोखिम के साथ बराबर रिटर्न देते हैं इनमें शामिल है एम्पलाइज प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ), लंबी अवधि (पांच साल या ज्यादा) की सावधि जमा योजनाएं, सर्राफा, सरकारी योजनाएं जैसे कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), कर मुक्त डाकखाने की योजनाएं, सरकारी प्रतिभूतियां और नैशनल पेंशन स्कीम।
निवेश की योजना बनाते समय यह आवश्यक है बहुआयामी विकल्पों का चयन किया जाए और समूचा निवेश एक ही जगह न किया जाए। यह जोखिम की भरपाई में मदद करता है और परिसंपत्तियों से बढ़िया रिटर्न दिलाने में मदद करता है।
एक वित्तीय सलाहकार के चयन में क्या ध्यान में रखे?
अपने समय पूर्व सेवानिवृत्ति की योजना बनाने के लिए वित्तीय सलाहकार की सेवा लेते समय उसकी शिक्षा व अनुभव, शुल्क का ढांचा, निवेश का दर्शन और जोखिम प्रबंधन की अप्रोच को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। एक अच्छा वित्तीय सलाहकार वह है जो खास आपके लिए वैयक्तिक सेवानिवृत्ति योजना बना सके व आपके अनूठे लक्ष्यों, जोखिम सहने की क्षमता और वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखे और आपकों अपने सेवानिवृत्ति के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सतत सहयोग व निर्देशन उपलब्ध कराता रहे।
आज के व्यस्त जीवन व इस दुनिया में आप अपने शौक के लिए या जो करना चाहते हों उसके लिए समय भले न निकाल सकें लेकिन सही आयु पर समय पूर्व सेवानिवृत्ति आपको अपना इच्छित करने का उपहार दे सकती है।
लेखक: रितु प्रसाद, वीपी- प्राडक्ट मैनेजमेंट