उत्तराखंड पंचायत चुनाव: हाईकोर्ट के आदेश से प्रत्याशियों में हलचल, भाजपा की रणनीति पर भी असर-Newsnetra


सत्तारूढ़ भाजपा अदालत के फैसले से कुछ ज्यादा सकते में है। पार्टी पंचायत चुनाव में सक्रिय भागीदारी निभा रही है और उसने जिला पंचायत 358 में से 320 सीटों पर समर्थित प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उतरे उन सभी प्रत्याशियों की सांसें अटक गई हैं, जिनके नाम पंचायतों और निकायों दोनों की मतदाता सूचियों में दर्ज हैं। ऐसा उच्च न्यायालय के एक जनहित याचिका पर आए उस आदेश से हुआ है, जिसमें दो जगह वोटर लिस्ट में नाम वालों के मतदान करने और चुनाव लड़ने से संबंधित राज्य निर्वाचन आयोग की अनुमति से जुड़े दिशा-निर्देशों पर रोक लगा दी गई है।
सत्तारूढ़ भाजपा अदालत के फैसले से कुछ ज्यादा सकते में है। पार्टी पंचायत चुनाव में सक्रिय भागीदारी निभा रही है और उसने जिला पंचायत 358 में से 320 सीटों पर समर्थित प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। अभी पार्टी इन प्रत्याशियों के खिलाफ सुलग रही बगावत से भी नहीं उबर पाई थी कि अदालत के ताजा फैसले से नई दुविधा खड़ी हो गई है।
हालांकि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए भाजपा के प्रदेश प्रभारी ज्योति प्रसाद गैरोला दावा कर रहे हैं कि पार्टी के समर्थित प्रत्याशियों को केवल 20 से 25 सीटों पर ही पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओं से चुनौती मिल रही है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि हर सीट पर भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता चुनाव लड़ रहे हैं। गैरोला इसे गंभीर चुनौती नहीं मान रहे हैं और बागियों को मनाने के लिए अंतिम दौर तक कोशिशें जारी रखने की बात कह रहे हैं। उन्हें भरोसा है कि मतदान की तारीख से पहले पार्टी अधिकांश बागियों को मना लेगी।