UAE first Hindu Temple : यूएई के पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे PM मोदी
जानिए क्या है मन्दिर की खासियत –
अयोध्या में जहां 22जनवरी 2024 को राम मंदिर के उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों शोरो पर है। वहीं, इस बीच खाड़ी देश अबू धाबी में हिन्दू मंदिर का उद्घाटन करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को न्योता मिला है।
आये जानते है पूरा मामला-
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबूधाबी में पहला हिंदू मंदिर बनकर तैयार हो गया है। मंदिर का उद्धाटन 14 फरवरी 2024 को तय किया गया है। BAPS यानी बोछानवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के स्वामी ईश्वरचरणदास और स्वामी ब्रह्मविहारिदास के साथ मौजूद शिष्टमंडल ने उद्धाटन समारोह के लिए पीएम मोदी को आमंत्रित किया है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा।
मंदिर अबू धाबी में ‘अल वाकबा’ नाम की जगह पर 20,000 वर्ग मीटर की जमीन पर बना है। हाइवे से सटा अल वाकबा अबू धाबी से तकरीबन 30 मिनट की दूरी पर है। बता दें भारतीय दूतावास के आंकड़ों के मुताबिक, यूएई में तकरीबन 26 लाख भारतीय रहते हैं, जो वहां की आबादी का लगभग 30% हिस्सा है। मंदिर में नक्काशी के माध्यम से प्रामाणिक प्राचीन कला और वास्तुकला को पुनर्जीवित किया गया है।
मंदिर निर्माण में इको-फ्रेंडली तरीके पर जोर दिया जा रहा है। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 2018 में दुबई के दौरे पर वहां के ओपेरा हाउस से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था ने मंदिर की आधारशिला रखी थी।
कैसे पड़ी मंदिर की नींव…?
दरअसल, 2015 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूएई की अपनी यात्रा पर गए थे, तो वहां के राष्ट्रपति ने दुबई-आबू धाबी हाइवे पर 17 एकड़ जमीन तोहफे में दी. दो साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जरिए इस मंदिर की नींव रखी गई. इस मंदिर का निर्माण दो देशों और उनकी सरकारों के बीच बढ़ रहे सद्भाव का एक सबूत है. नींव रखे जाने के बाद से ही मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है. इस मंदिर का उद्घाटन ऐसे समय पर होगा, जब राम मंदिर भी भक्तों के लिए खुल जाएगा.
108 फीट है अबू धाबी के मंदिर की ऊंचाई
पश्चिम एशिया के इस सबसे बड़े हिन्दू मंदिर को बनाने में वैदिक वास्तुकला का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर में की गई जटिल नक्काशी और मूर्तियां भारत में भी बनकर तैयार हुई हैं, जिनको विशेष व्यवस्था कर मंदिर तक पहुंचाया गया है। भारत के कई कारीगर अबू धाबी में भी मंदिर निर्माण में जुटे हैं। इस मंदिर की ऊंचाई 108 फीट है, जिसमें 40 हजार क्यूबिक मीटर संगमरमर और 180 हजार क्यूबिक मीटर बलुआ पत्थर लग रहा है। इसके बनने में करीब 700 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। मंदिर के निर्माण के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने दान दिया है।
By Jaya Rautela