New Coaching Guidelines : कोचिंग में 16 साल से कम उम्र के बच्चों का नहीं होगा एडमिशन, लगेगा 1 लाख का जुर्माना, गाइडलाइन जारी
शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग क्लासेज की मनमानी पर रोक लगाते हुए एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की है. जिसके अनुसार अब 16 साल से कम उम्र के बच्चे कोचिंग क्लास में एडमिशन नहीं ले सकेंगे. कोचिंग सेंटर यदि आदेश नहीं माने तो एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाना चाहिए और उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाना चाहिए। कोचिंग संस्थानों की उचित निगरानी के लिए सरकार ने दिशानिर्देश के प्रभावी होने के तीन महीने के भीतर नए और मौजूदा कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण करने का प्रस्ताव किया है।दिशानिर्देश में कहा गया, कोई भी कोचिंग संस्थान स्नातक से कम योग्यता वाले शिक्षकों को नियुक्त नहीं करेगा। कोचिंग संस्थान विद्यार्थियों के नामांकन के लिए माता-पिता को भ्रामक वादे या रैंक या अच्छे अंक की गारंटी नहीं दे सकते।
New Coaching Guidelines : लगेगा एक लाख तक का जुर्माना
गाइडलाइन के अनुसार पहली बार नियम तोड़ने पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा. दूसरी बार नियम तोड़ा तो जुर्माने की राशि बढ़कर एक लाख रुपये हो जाएगी. इसके अलावा रजिट्रेशन भी रद्द हो सकता है.
New Coaching Guidelines : कोचिंग पढ़ाने के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी
शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार अब कोचिंग क्लास में पढ़ाने वाले टीचर या ट्यूटर को कम से कम ग्रेजुएट होना जरूरी है. इससे कम योग्यता वाले लोग कोचिंग क्लास में नहीं पढ़ा सकते.
ट्यूशन फीस विवरण
दिशानिर्देशों के अनुसार, विभिन्न पाठ्यक्रमों और पाठ्यक्रम के लिए ली जाने वाली ट्यूशन फीस उचित और उचित होगी और ली गई फीस की रसीद उपलब्ध कराई जानी चाहिए। यदि छात्र ने पाठ्यक्रम के लिए पूरा भुगतान कर दिया है और निर्धारित अवधि के बीच में पाठ्यक्रम छोड़ रहा है, तो छात्र को शेष अवधि के लिए पहले जमा की गई फीस में से आनुपातिक आधार पर 10 दिनों के भीतर वापस कर दिया जाएगा।
New Coaching Guidelines : पहले भी जारी हो चुके हैं गाइडलाइंस
कोचिंग सेंटर के रजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन 2024 के दिशानिर्देश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पहले ही भेजे गए हैं. कुछ राज्यों में पहले से ही कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के रेगुलेशन संबंधी कानून हैं, अधिक फीस वसूलने वाले और जगह-जगह खुले प्राइवेट कोचिंग सेंटरों की बढ़ती तादाद और वहां सुसाइड के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने ये मॉडल गाइडलाइन प्रोपोज की है.