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गुजरात विश्वविद्यालय में अतिथि वक्ता के रूप में देहरादून, उत्तराखंड के पद्म श्री प्रो. डॉ. बी.के.एस. संजय को व्याख्यान के लिए कुलपति प्रो. नीरजा गुप्ता द्वारा आमंत्रित किया गया। गुजरात विश्वविद्यालय, गुजरात राज्य का सबसे पुराना और बड़ा विश्वविद्यालय है। जिसके एक प्रमुख छात्र रहे है हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। इसके अतिरिक्त हमारे भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबाई पटेल, भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक कस्तूरी रंजन, शास्त्रीय नृत्यांगना मल्लिका साराबाई, खिलाड़ी गीत सेठी, व्यवसायी पंकज पटेल, पूर्व सी.जे.आई. अजीज अहमदी, समाज सेविका ईला भट्ट आदि छात्र रहे हैं।
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अपने संबोधन के दौरान पद्म श्री प्रो. डॉ. बी.के.एस. संजय ने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय जैसा प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जिसमें कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी इस विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं ऐसे विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को अपने अनुभव एवं विचार सांझा करने का अवसर प्राप्त हुआ। यह मेरे लिए बड़े गर्व और सम्मान की बात है। व्यवहार, ज्ञान और कौशल किसी के भी सफलता के रहस्य की कुंजी है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वह व्यवहार को अच्छा बनाने के लिए महत्व दें क्योंकि दैनिक जीवन में अधिकांश समस्याएं दुर्व्यवहार और टकराव के कारण होती हैं।
अधिकांश समस्याओं और टकरावों को मधुर व्यवहार से सुलझाया जा सकता है। किसी भी तरह एवं किसी भी स्तर के कार्य में चाहे वह उच्च स्तर का हो या निम्न स्तर का इन सबकी सफलता का मूलमंत्र है व्यवहार, ज्ञान और कौशल का कुशलतापूर्वक उपयोग। किसी भी कार्य की सफलता में व्यक्ति का व्यवहार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रो. डाॅ. बी. के. एस. संजय ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाना और वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग सड़क यातायात दुर्घटनाओं में आग में ईंधन का काम कर रहा है।
पद्म श्री प्रो. डॉ. बी.के.एस. संजय ने कहा कि खारे पानी वाली कच्छ झील में बसे धोलावीरा द्वीप को जोड़ने वाला रोड टू हैवन योजना गुजरात सरकार का एक सराहनीय कदम है। धोलावीरा द्वीप पर पांच हजार पुरानी हड़प्पा सभ्यता के प्रमाण मिले है। इसे विश्व धरोहर के रूप में मान्यता प्राप्त है।
गुजरात यात्रा के दौरान पद्म श्री प्रो. डॉ. बी.के.एस. संजय ने भुज आकाशवाणी रेडियो में एक माह तक चलने वाले राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा अभियान के दौरान सड़क सुरक्षा पर एक रेडियो कार्यक्रम भी दिया। उन्होंने वाहन चालकों से यातायात के नियमों को सीखने और उनका पालन करने की अपील की। देश सड़क यातायात दुर्घटनाओं में बहुत कुछ खो रहा है, जिसे रोका जा सकता है, यदि लोग सड़क यातायात नियमों का पालन करते हैं।
पद्म श्री ऑर्थोपीडिक सर्जन डाॅ. बी. के. एस. संजय ने रोड टू हैवन पर चलने वाले सभी चालकों से अपील की, कि चालक खासतौर से इस सड़क पर यातायात के नियमों का ईमानदारी से पालन करें क्योंकि कच्छ झील के आस-पास की प्राकृतिक सुंदरता को देखने के बाद किसी भी चालक को तेजी से गाड़ी चलाने और दूसरों से आगे निकलने का प्रलोभन होगा, उन्होंने लापरवाह चालकों से अपील की कि वह रोड टू हैवन पर लापरवाही से ड्राइव न करें। अगर लापरवाही से दुर्घटना हो जाती है, तो बचा हुआ जीवन नर्क बन जाएगा।