Adani-Hindenburg Case: अडानी- हिडनबर्ग केस में सर्वोच्च न्यायालय आज सुनाएगा फैसला
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अडानी हिडनबर्ग मे सर्वोच्च न्यायालय ने नवंबर 2023 मे फैसला सुरक्षित रख लिया था अब खबर आई है की 3 जनवरी को सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में अपना फैसला सुनाएगा आपको बता दें कि 24 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच में इस मामले की सुनवाई की थी और उसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था, सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सेबी की जांच और एक्सपर्ट कमिटी के सदस्यों की निष्पक्षता पर उठाए गए सवालों को नकार दिया था।
Adani-Hindenburg Case: 5 पॉइंट में आज की कार्यवाही:
1- अदालत ने कहा कि मार्केट रेगुलेटर सेबी को सभी 24 मामलों मे कारवाही पूरी करनी होगी इससे पहले सेबी ने 25 अगस्त को अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि उसने 24 में से 22 मामलों में अपनी जांच पूरी कर ली है।
2- सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है की हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट को पूरी तरह सत्य के रूप में नहीं माना जाना चाहिए हिंडनबर्ग रिपोर्ट की सत्यता का परीक्षण करने का कोई साधन नहीं है और इसलिए सेबी से जांच करने को कहा गया है।
3- याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बाजार नियमित की कार्रवाई संदिग्ध है क्योंकि उनके पास 2014 से अडाणी से जुड़ी डिटेल्स हैं। Adani-Hindenburg Case: अडानी- हिडनबर्ग केस में सर्वोच्च न्यायालय आज सुनाएगा फैसला
4- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेबी को किसी अखबार में छपी खबर, चाहे वह फाइनेंशियल टाइम्स में ही क्यों न हो, को सच्चाई के रूप में लेने के लिए नहीं कहा जा सकता। FT ने गौतम अडाणी के भाई से जुड़ी रिपोर्ट पब्लिश की थी।
5- एक्सपर्ट कमेटी के पुनर्गठन पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि यह कमेटी के साथ बहुत अन्याय होगा और लोग सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त समिति में काम करना बंद कर देंगे।
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मिनिमम पब्लिक शेयर होल्डिंग से जुड़ा है नियम 19 (A)
कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन का नियम 19(a) शेयर मार्केट में लिस्टेड कंपनियों की मिनिमम शेयर होल्डिंग से जुड़ा है भारतीय कानून में किसी भी लिस्टेड कंपनी में कम से कम 25% शेयरहोल्डिंग पब्लिक यानी नॉन इनसाइडर्स की होनी चाहिए।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी विदेश में शेल कंपनियां मैनेज करते हैं। इनके जरिए भारत में अडाणी ग्रुप की लिस्टेड और प्राइवेट कंपनियों में अरबों डॉलर ट्रांसफर किए गए। इसने अडाणी ग्रुप को कानून से बचने में मदद की ।
सुप्रीम कोर्ट ने बनाया था 6 सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए गए थे इसके बाद भारी हंगामा मच गया था। अडानी ग्रुप के शेयर लगातार गिरते रहे , वही सड़क से संसद तक इस मामले को लेकर हंगामा शुरू हो गया यह मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप पर जांच के लिए एक 6 सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल का गठन किया था। समिति को दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था कोर्ट के आदेश के बाद पैनल ने 8 मई को सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद कवर में अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है।
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सेबी ने मांगा था 6 महीने का समय
सेबी ने अदालत से 6 महीने का समय की मांग की है लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने सेबी को दो महीने के भीतर ही जांच पूरी करने को कहा था सेबी की ओर से 6 महीने का अतिरिक्त समय मांगे जाने का विरोध भी हुआ था। सेबी के 6 महीने की मोहलत मांगने के विरोध में याचिका दाखिल की गई याचिका में कहा गया कि जांच के लिए अतिरिक्त समय देने से कंपनी महत्वपूर्ण आकड़ों और फैक्ट्स के साथ छेड़छाड़ हो सकती है। गौरतलब है कि कोर्ट ने पैनल और सेबी दोनों को दो महीने का वक्त दिया था।
सेबी ने की है मामले की जांच
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि ऐसा कोई तथ्य नहीं है जिससे कि सेबी पर संदेह किया जाए कोर्ट ने कहा था कि हम बिना ठोस आधार के सेबी पर अविश्वास नही कर सकते इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पक्षकारों के वकील से कहा था, कि वे 27 सितंबर तक मामले में लिखित दलील कोर्ट के सामने पेश करे
दरअसल, हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में किए गए खुलासे को लेकर याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा था , कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट को सत्य बयान के तौर पर नहीं मान सकते. शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट की सत्यता परखने का कोई साधन नहीं है, जिस कारण उसने SEBI से इस मामले की जांच करने को कहा है, और सेबी ने अपनी जांच रिपोर्ट पेश कर दी है।
एसआईटी के गठन को लेकर क्या कहा ?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि हम सेबी को दिए गए समय में अपनी पूरी जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दे रहे हैं. अडानी- हिंडनबर्ग मामले पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ जस्टिस, जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने बुधवार को फैसला सुनाया है. CJI ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कोर्ट को सेबी के अधिकार क्षेत्र मे दखल देने का सीमित अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि SEBI ही इस मामले की जांच करेगी, SIT को जांच ट्रांसफर नहीं की जाएगी.
अडानी हिंडनबर्ग का क्या है पूरा मामला
पिछले साल 24 जनवरी को अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के उप्पर बड़े आरोप लगाए थे inn आरोपों को अडानी ग्रुप ने झूठा बताया लेकिन इसके आने के बाद अडानी ग्रुप को बड़ा झटका लगा अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर नीचे आ गए विपक्षी दलों ने भी इसे लेकर सरकार पर आरोप लगाया इसके बाद मामला सर्वोच्च न्यायालय में पहुंचा सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मामले की जांच के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी भी गठित कई गई थी।
Report by- Akhilesh joshi