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आयुष्मान योजना के नए पोर्टल में चल तकनीकी खराबी के कारण आयुष्मान कार्डधारक मरीजों के पंजीकरण की समस्या शीघ्र ही दूर कर ली जाएगी। इस मामले में एम्स अस्पताल प्रशासन द्वारा राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
उत्तराखंड के आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों को इन दिनों पंजीकरण व बिलिंग में आ रही दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। पिछले माह 21 फरवरी से आयुष्मान पोर्टल का नया वर्जन लाॅन्च हुआ था। आयुष्मान मरीजों का तत्काल पंजीकरण नहीं हो पाने की यह समस्या एम्स ऋषिकेश सहित हरिद्वार और देहरादून के अस्पतालों में तब से ही बनी हुई है। इस सम्बन्ध में एम्स के जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार सिंह ने बताया कि यह समस्या एम्स सहित राज्यभर के विभिन्न अस्पतालों और सी.एस.सी. सेन्टरों में बनी हुई है। इस परेशानी के चलते कुछ मरीजों के कार्ड आयुष्मान के संबन्धित पोर्टल से लिंक हो रहे हैं जबकि कुछ के नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पोर्टल में आई तकनीकी खराबी का यह मामला राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण स्तर का है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के माध्यम से संबन्धित उच्चाधिकारियों को इस समस्या से अवगत करा दिया गया है। बताया कि राज्य के आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारियों के साथ लगातार समन्वय स्थापित कर शिकायतों का निपटारा किया जा रहा है। उम्मीद है कि शीघ्र ही इस समस्या का स्थायी समाधान कर लिया जाएगा और आयुष्मान कार्डधारक मरीजों को पूर्व की भांति योजना का त्वरित लाभ मिलने लगेगा। उन्होंने इस मामले में सभी लोगों से सहयोग की अपील की है।
अन्य राज्यों में भी बनी है समस्या
ऋषिकेश। आयुष्मान पोर्टल नहीं चलने की समस्या अकेले उत्तराखंड में ही नहीं है। यह समस्या उत्तराखंड सहित पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भी बनी हुई है। राज्य में ’आयुष्मान स्वास्थ्य योजना’ के अपर निदेशक अतुल जोशी ने बताया कि 20 फरवरी की मध्य रात्रि के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा उत्तराखण्ड सहित कुछ अन्य राज्यों में आयुष्मान का नया पोर्टल (टी.एम.एस. 2.0) लांच किया गया था। लेकिन नए पोर्टल में कुछ तकनीकी विसंगतियां होने के कारण यह पोर्टल सुचारू रूप से कार्य नहीं कर रहा है। राज्य के विभिन्न अस्पतालों के माध्यम से प्राधिकरण को बताया गया है कि नए पोर्टल से आयुष्मान मरीजों का पंजीकरण, क्लेम सबमिट प्रक्रिया, ओटीपी का समय पर नहीं आना, पेज सर्च प्रक्रिया और सम्बन्धित बीमारी का पैकेज लिंक करने संबंधी दिक्कतें पैदा हो रही हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने समस्या का संज्ञान लिया है और पोर्टल के अपडेट वर्जन में आई विसंगति दूर करने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। यह समस्या जल्दी ही दूर कर ली जाएगी।