- बागपत युवकों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप जांच में निकला झूठा
- रानीपुर निवासी महिला ने कराया था बागपत युवकों पर गैंगरेप का मुकदमा
- विवेचक ने लोगों के बयानों व साक्ष्यों के आधार पर लगाई एफआर
- कोतवाली रानीपुर पुलिस ने तीनों युवकों को दिलाया न्याय
- आरोप लगाने वाली महिला समेत साजिशकर्ताओं के खिलाफ दी तहरीर
- एसएसपी ने दिये कोतवाली रानीपुर को मुकदमा दर्ज करने के आदेश
हरिद्वार। आखिर कोतवाली रानीपुर पुलिस ने उत्तर प्रदेश बागपत निवासी युवकों को न्याय दिलाते हुए लोगों में उत्तराखण्ड पुलिस के प्रति भरोसा कायम रखने में सफल रही है। कोतवाली रानीपुर क्षेत्र की एक महिला ने जनपद बागपत निवासी तीन युवकों पर न्यायालय के आदेश पर सामूहिक दुष्कर्म तथा अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। रानीपुर पुलिस ने मामले की निष्पक्ष जांच की तो मामला झूठा पाया गया। जिसपर विवेचक ने लोगों के बयानों व साक्ष्यों के आधार पर सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एफआर लगा दी।
जिसके बाद बागपत निवासी युवक ने एसएसपी से मुलाकात कर तहरीर देकर उसके खिलाफ साजिश रचने वालों के खिलाफ शिकायत की है। शिकायत में आरोप लगाया है कि ग्राम प्रधाान, दरोगा, सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला और उसके पति पर साजिश के तहत उसकी छवि खराब करने, मानसिक व आर्थिक शोषण करते हुए ब्लैकमेल और एक्ट्रोशन का आरोप लगाया है। इस बात की जानकारी जनपद बागपत यूपी निरपुडा निवासी निश्चय राणा पुत्र स्व. बृजपाल ने बुधावार को प्रेस क्लब हरिद्वार में पत्रकार वार्ता के दौरान दी। पीड़ित निश्चय राणा ने बताया कि 25 अक्टूबर 23 को कोतवाली रानीपुर हरिद्वार से महिला दरोगा पूजा मेहरा का उसके मोबाइल पर कॉल आयी। महिला दरोगा ने बताया कि उनके खिलाफ एक महिला ने उनके खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया है।
पूछताछ के लिए उनको कोतवाली रानीपुर हरिद्वार बुलाया था। जिसपर वह कोतवाली रानीपुर पहुंचा और विवेचक से मिलकर पूरे तथ्यों से अवगत कराते हुए बताया कि पूर्व में भी उसके खिलाफ दो रेप सहित आधा दर्जन से अधिक अन्य धाराओं में झूठे मुकदमें दिल्ली, लखनऊ समेत अन्य जनपदों में दर्ज कराये गये थे। लेकिन जांच के दौरान आरोपी झूठे पाये गये। जिसपर पुलिस ने मुकदमों में एफआर लगा कर आरोप लगाने वालों के खिलाफ 82 की कार्रवाई की गयी है। उन्होंने बताया कि विवेचक ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया था। मुकदमे की विवेचक पूजा मेहरा ने लम्बी जांच पूरा मामला झूठा पाया।
सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला ने जिस मकान में घटना होना बताया था। मकान मालिक ने उक्त घटना से इंकार करते हुए आरोप लगाने वाली महिला के उसके यहां पर किराये पर ही रहने के दावों को झूठा बताया था। विवेचक ने घटना के सम्बंधा में लोगों के बयानों व साक्ष्यों के आधार पर महिला के आरोपों को खारिज करते हुए मुकदमें में एफआर लगा दी। पीड़ित ने बताया कि जिसके बाद उन्होंने एसएसपी से मुलाकात करते हुए उसके खिलाफ साजिश रचने वाले ग्राम प्रघान, दरोगा, आरोप लगाने वाली महिला व उसके पति के खिलाफ ब्लैकमेल और एक्ट्रोशन का आरोप लगाया है। आरोप लगाया कि उक्त लोगों ने उससे मामले को निपटाने के लिए पैसों की डिमांड की थी। एसएसपी ने मामले के सम्बंधा में कोतवाली रानीपुर पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये है।