News Netra. Com आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से प्रभात रंजन मेमोरियल स्कूल खदरी, रेलवे रोड फाटक, श्यामपुर ऋषिकेश में को त्रि दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। आनंद मार्ग संस्था के प्रवर्तक युग दृष्टा प्रभात रंजन सरकार उर्फ महासंभूति श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने इस युग की जरूरत को समझ कर आनंद मार्ग के नाम से संपूर्ण जीवन दर्शन दिया।
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जिसका उद्देश्य है, आत्म मोक्षर्थम, जगत हितय च।जिसमें आध्यात्मिक क्षेत्र में मोक्ष प्राप्ति के लिए भगवान सदाशिव के विद्या तंत्र और भगवान श्री कृष्ण के योग तंत्र के सम्मिश्रण से राजाधिराज योग साधना, मानसिक संतुलन के लिए नव्य मानवतावाद जैसा मानसिक दर्शन, और भौतिक क्षेत्र में संतुलित अर्थव्यवस्था के लिए प्रगतिशील उपयोगी तत्व (प्राउत) जैसा सामाजिक अर्थ नैतिक दर्शन दिया। है। इस तीन दिवसीय दिवसीय सेमिनार में शिवोपदेश ,मंत्र चैतन्य, तथा आर्थिक गतिशीलता विषयों पर प्रकाश डाला गया। सेमिनार के उक्त विषयों पर प्रशिक्षक आचार्य रागनुगानंद अवधूत द्वारा परिभाषित किया गया। आर्थिक गतिशीलता विषय पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि समाज की हर तरह की समस्या का समाधान शिव के द्वारा दिए गए उनके उपदेशों मे है। इस आत्मज्ञान की प्राप्ति, साधना, सेवा और त्याग के द्वारा संभव है ।
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इसीके साथ आर्थिक दृष्टिकोण को देखते हुए श्री श्री आनंदमूर्ति जी के द्वारा दिए गए प्राउट दर्शन जिसमे हर क्षेत्र में गतिशीलता है। सेमिनार के प्रशिक्षक आचार्य रागानुगानंद अवधूत ने कहा कि शरीर मन और आत्मा का निश्चित रूप है। मानव शरीर से मन और मन से आत्मा की ओर गति ही सही प्रगति है ।आज तक धरती पर इन तीनों का संतुलन रखने वाला और सबको संपूर्ण विकास का अवसर देने वाला सर्वांगीण जीवन दर्शन का अभाव रहा है। हालांकि इस धरती पर आज से 7000 वर्षों पूर्व भगवान सदाशिव तथा साढे तीन हजार वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण का आगमन हुआ था। आज विज्ञान और तकनीक के विकास के चलते संपूर्ण विश्व मुट्ठी में आ चुका है। परंतु आम जनजीवन के बीच दिल से दिल की दूरी बढ़ गई है। जिसके चलते अपनापन भाईचारा मिटता जा रहा है ।फल स्वरुप धरती के सभी लोग अशांत हैं परेशान हैं ।
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इसीलिए इस धरती पर एक संपूर्ण दर्शन की आवश्यकता है। पूर्ण रूप से मानव समाज बनाने के लिए समाज के विकास के लिए एक संपूर्ण दर्शन जिसमे मानसिक संतुलन के लिए नव्या मानवतावाद , भौतिक क्षेत्र में संतुलिट अर्थव्यवस्था के लिए अर्थनीति दर्शन की आवश्यकता है। सेमिनार में विभिन्न स्थानों से आचार्य अवधूत और आनंद मार्ग प्रचारक संघ के भक्तगण ऋषिकेश ,देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पिथौरागढ़ ,बरेली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत ,सहारनपुर आदि जगहों से सम्मिलित हुए। सेमिनार में राजाधिराज योग पर आधारित निशुल्क योग साधना दी गई ।आसन प्राणायाम सिखाए गए। और विभिन्न प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए औषधिय परामर्श भी दिया गया ।तांडव नृत्य , कौशिकी नृत्य का प्रशिक्षण भी दिया गया।
सेमिनार में आचार्य मेघ दीपानंद अवधूत, आचार्य मृत्युंजय अवधूत, आचार्य मंत्र प्रेमानंद अवधूत ,आचार्य पुण्य जीत, आचार्य गु णाधीश ब्रह्मचारी, ब्रह्मचारी ,प्रभा आचार्य, रोहित आचार्य तथा हरिद्वार के भुक्ति प्रधान जयप्रकाश, देहरादून के भक्ति, प्रधान चैतन्य सिंहा, मेरठ के भक्ति प्रधान जितेंद्र, शामली से संजय ,आदि भक्तगण सम्मिलित हुए। कार्यक्रम के अंतिम दिन विद्यालय के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए ।नव्य मानवतावाद आधारित शिक्षा तथा आनंदमूर्ति जी द्वारा दिए गए प्र