अंकिता को मिला इंसाफ: CM धामी ने कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, CM धामी बोले – कानून से ऊपर कोई नहीं-Newsnetra


उत्तराखंड के कोटद्वार में अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोर्ट ने तीनों आरोपियों—पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता—को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह फैसला न केवल न्याय की जीत है, बल्कि सरकार की तत्परता और निष्पक्षता का भी प्रतीक है। घटना के सामने आने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आरोपियों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। एक महिला आईपीएस अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच टीम (SIT) गठित की गई, जिससे जांच में पारदर्शिता और गंभीरता बनी रही। जांच की प्रभावशीलता का ही परिणाम था कि आरोपियों को जमानत नहीं मिल पाई और वे दोषी साबित हुए।
सरकार ने अंकिता के परिवार की भावनाओं को प्राथमिकता दी और न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाया। परिवार की मांग पर तीन बार वकील बदले गए ताकि उनका पक्ष प्रभावी ढंग से कोर्ट में रखा जा सके। करीब 100 गवाहों के बयान दर्ज किए गए और केस को गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज किया गया, जिससे कानूनी धाराएं और सख्त हो सकीं। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य एक प्रभावशाली परिवार से संबंध रखता था, फिर भी सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि कोई राजनीतिक या सामाजिक दबाव न्याय प्रक्रिया को प्रभावित न कर सके। इससे यह संदेश भी गया कि कानून सबके लिए समान है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह राज्य की बेटियों की सुरक्षा और न्याय के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भविष्य में भी ऐसे मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह मामला पूरे समाज के लिए एक उदाहरण है कि जब सरकार, पुलिस और न्यायपालिका मिलकर कार्य करें, तो कोई भी अपराधी कानून से बच नहीं सकता। अंकिता को मिला न्याय न केवल उनके परिवार के लिए सुकून का विषय है, बल्कि समाज में न्याय के प्रति विश्वास को और मजबूत करता है।