आपदा में अवसर तलाशते और हर जगह “मैं-मैंने” का श्रेय लेने की होड़ में भाजपा नेता : करन माहरा
“उत्तरकाशी के मातली में अस्थाई मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में बैठकर पुष्कर सिंह धामी जी उत्तराखंड में 2 लाख करोड रुपए का निवेश जुटाने का दावा कर रहे हो और पूंजीपतियों को “सुलभ और सुरक्षित” निवेश के लिए “उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023″ के लिए आमंत्रित कर रहा हो तो भाजपा नेताओं की इन करगुजारियों, लापरवाहियों और नाकामियों को लेकर उत्तराखंड में कितना निवेश आएगा, कितने उद्योग लगेंगे कितना रोजगार आएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा”
(संवाददाता रितिका पयाल राणा) देहरादून : उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दावों पर प्रश्न खड़े करते हुए कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले हिमालयी राज्य उत्तराखंड का भूगोल और भूविज्ञान ऐसा है कि इस क्षेत्र में हर वर्ष निरंतर प्राकृतिक उथल-पुथल की घटनाएं अपरिहार्य हैं, ऐसे में तथाकथित “ऑल वेदर रोड” की लचर कार्य योजना, बिना एस्केप पैसेज के सुरंगों का निर्माण, आपातकालीन सुरक्षा ह्यूम पाइप बगैर, गुणवत्ताहीन निर्माण सामग्री के कारण जहां निर्माणधीन सुरंग धंस जाय, वहीं 14वे दिन तक भी मजदूर और कर्मचारियों की सुरक्षित निकासी का कोई ओर-छोर सरकार को ना समझ आ रहा हो, वहीं प्रदेश की जनता का ध्यान बांटने के लिए सरकार को नित्य नए आधारहीन बयान देने पड़े तो इससे ज्यादा हास्यास्पद बात कोई नहीं हो सकती।
राज्य का मुखिया अपने प्रदेश के चिंता छोड़ देश के विभिन्न राज्यों में लगातार भाजपा के लिए वोट बटोरने में प्रचार प्रसार में ही व्यस्त रहे, इससे प्रदेश के विकास की कल्पना क्या की जा सकती है? जोशीमठ में भू-धंसाव, प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं, बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं, कानून व्यवस्था रसातल की ओर बढ़ रही हो और जहां घोटाले और भ्रष्टाचार चरम पर हो उस राज्य के मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना लगातार मंत्री, विधायक और अधिकारी करते रहें उनके नेता शिलान्यास और अधूरे कामों का उद्घाटन में व्यस्त रहें।
करन माहरा ने आगे कहा कि उस राज्य का मुख्यमंत्री मीडिया में छाए रहने के लिए और आपदा में अवसर तलाशते हुए और हर जगह “मैं-मैंने” का श्रेय लेने की होड़ में सिलक्यारा टनल के बाहर “अस्थाई मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय” उत्तरकाशी के मातली में बनकर बैठा हो और वहीं से उत्तराखंड में 2 लाख करोड रुपए का निवेश जुटाने का दावा कर रहा हो और पूंजीपतियों को “सुलभ और सुरक्षित” निवेश के लिए “उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023” के लिए आमंत्रित कर रहा हो तो भाजपा नेताओं की इन करगुजारियों, लापरवाहियों और नाकामियों को लेकर उत्तराखंड में कितना निवेश आएगा, कितने उद्योग लगेंगे कितना रोजगार आएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
हर वक्त अपनी विरोधी दलों पर कटाक्ष और प्रश्न खड़े करने की बजाय सरकार को समझने की कोशिश व अपने विकास मॉडल पर फिर से विचार करना चाहिए तथा पूर्व में हुई गलतियों से सबक सिखाना चाहिए। प्रदेश की भोली-भाली जनता जहां प्रदेश के सरकार की आधारहीन और बर्बाद करने वाली नीतियों की वजह से खामियाजा भुगत रही है तो यह अपने आप में एक बहुत बड़ा विचारणीय प्रश्न है जिसको प्रदेश की पूरी जनता को तत्काल समझने की आवश्यकता है।