हास्य कलाकार घन्ना भाई के निधन पर मुख्यमंत्री धामी ने दी श्रद्धांजलि, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार-Newsnetra
उत्तराखंड के विख्यात हास्य कलाकार घनानंद ‘घन्ना भाई’ के निधन से प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके आवास पर पहुंचकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक संतप्त परिवार से भेंट कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार को निर्देश दिए कि कल घन्ना भाई का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाए।

उत्तराखंड की हास्य कला को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले घन्ना भाई
घन्ना भाई उत्तराखंड की हास्य संस्कृति के महत्वपूर्ण स्तंभ थे। उनकी हास्य कला न केवल मनोरंजन का स्रोत थी, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी तीखी टिप्पणी करती थी। उनके चुटीले संवाद और व्यंग्यपूर्ण अभिनय ने उन्हें हर वर्ग के दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय बना दिया था। उनकी प्रस्तुति लोकसंस्कृति के प्रति प्रेम, व्यंग्य और हास्य का अनूठा मिश्रण होती थी, जिसे सुनकर हर कोई ठहाके लगाने को मजबूर हो जाता था।
मुख्यमंत्री धामी की श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घन्ना भाई के निधन को उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर के लिए अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने कहा,
“घन्ना भाई न केवल हास्य कलाकार थे, बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध लोकसंस्कृति के संवाहक भी थे। उनके जाने से उत्तराखंड की हास्य कला जगत में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है।”

मुख्यमंत्री ने परिवार को ढांढस बंधाया और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
मुख्यमंत्री धामी ने हरिद्वार के जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि घन्ना भाई का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाए। यह उत्तराखंड की हास्य और लोकसंस्कृति को समर्पित घन्ना भाई के योगदान का सम्मान है। उनके अंतिम दर्शन के लिए प्रदेशभर से उनके प्रशंसक, कलाकार, और गणमान्य व्यक्ति हरिद्वार पहुंचेंगे।
उत्तराखंड की हास्य विरासत को दी अमिट पहचान
घन्ना भाई का योगदान केवल मंचीय हास्य तक सीमित नहीं था। उन्होंने रेडियो, टेलीविजन और सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपनी कला को घर-घर तक पहुंचाया। उनकी कॉमेडी न केवल हंसाने का काम करती थी, बल्कि सामाजिक विसंगतियों को उजागर करने का भी एक प्रभावी माध्यम थी।
घन्ना भाई की यादें हमेशा रहेंगी जीवंत
उनकी यादें, उनके संवाद, और उनका अनोखा अंदाज हमेशा उत्तराखंड के लोगों के दिलों में जीवंत रहेगा। उत्तराखंड की हास्य परंपरा को जीवंत रखने के लिए उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
उत्तराखंड ने अपने हास्य के सितारे को खो दिया है, लेकिन उनकी हंसी की गूंज हमेशा लोगों के दिलों में गूंजती रहेगी।

