Dehradun News: हरियाली और विकास की ओर: देहरादून के बदलाव में एमडीडीए की नई पहल-Newsnetra


देहरादून, जिसे कभी अपनी हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता था, बीते एक दशक में तेजी से बदल चुका है। प्रदेश और बाहरी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग यहां आकर बसे हैं, जिससे शहर का दायरा और जनसंख्या घनत्व काफी बढ़ा है। लेकिन बढ़ती आबादी ने शहर के सामने नई चुनौतियां भी खड़ी कर दी हैं। हरियाली कम हुई है और प्रदूषण बढ़ा है। ऐसे में, इन समस्याओं का समाधान निकालने के लिए मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने एक व्यापक योजना पर काम शुरू किया है।
एमडीडीए ने शहर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखते हुए देहरादून और मसूरी को स्वच्छ, सुंदर और हरा-भरा बनाने का लक्ष्य तय किया है। “ग्रीन दून, क्लीन दून” की इस पहल के पीछे एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी की दूरदर्शी सोच, प्रबंधन कौशल और जमीनी योजनाओं को साकार करने का दृढ़ संकल्प है। उनके नेतृत्व में देहरादून फिर से अपनी खोई हुई हरियाली और ताजगी को पाने की दिशा में अग्रसर है।
शहर को भविष्य के लिए तैयार करने के मकसद से एमडीडीए मास्टर प्लान 2041 पर काम कर रहा है। इस योजना का उद्देश्य ऐसा आधार तैयार करना है, जो आने वाले समय में सभी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सके। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईएएस अधिकारी बंशीधर तिवारी को सौंपी है।
आज देहरादून और मसूरी में विकास और सौंदर्यीकरण के जो कार्य हो रहे हैं, वे एमडीडीए की प्रतिबद्धता और उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी की नेतृत्व क्षमता का प्रमाण हैं। यह साफ दिखता है कि उनके प्रयास न केवल मुख्यमंत्री धामी की अपेक्षाओं पर खरे उतर रहे हैं, बल्कि जनता की उम्मीदों को भी पूरा कर रहे हैं।
देहरादून में हरियाली की नई शुरुआत
शहरीकरण और जनसंख्या वृद्धि के दबाव में दबी देहरादून की पहचान, उसकी हरियाली, समय के साथ कम होती चली गई। कभी अपनी हरी-भरी घाटियों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध दून वैली, राजधानी बनने के बाद कंक्रीट के जंगलों में तब्दील होती नजर आई। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और तेजी से होते निर्माण कार्यों ने शहर के पर्यावरण संतुलन को प्रभावित किया।
2013 की केदारनाथ आपदा के बाद देहरादून के क्षेत्र में तेजी से विस्तार हुआ, जिससे नगर निगम के वार्डों की संख्या 60 से बढ़कर 100 हो गई। इन वार्डों में शामिल ग्राम पंचायतों के विकास की जिम्मेदारी भी मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के हिस्से में आई। इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने “हरा-भरा दून” की अवधारणा को अपनाया।
पर्यावरण पुनरुद्धार की योजनाएं
एमडीडीए ने शहर में हरियाली लौटाने के लिए कई कदम उठाए। सड़कों के किनारे और डिवाइडर पर बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया गया। सिटी फॉरेस्ट पार्क जैसी परियोजनाओं को विकसित किया जा रहा है, जो न केवल पर्यावरण संरक्षण में मददगार हैं, बल्कि प्रदूषण नियंत्रण में भी कारगर साबित हो रहे हैं। गंगोत्री विहार के पास एक और हरित पार्क का विकास कार्य प्रगति पर है।
हरित पहल का प्रभाव
शहर की 16 प्रमुख सड़कों और कॉलोनियों में किए गए पौधरोपण के बाद इन पौधों की नियमित देखभाल और निगरानी की जा रही है, ताकि वे स्वस्थ पेड़ों में बदल सकें। यह प्रयास धीरे-धीरे रंग ला रहा है, और देहरादून की हरियाली दोबारा लौटने लगी है।
हरियाली से जुड़ी उम्मीदें
एमडीडीए के इन प्रयासों ने देहरादून को एक नई दिशा दी है। इन योजनाओं का उद्देश्य न केवल वर्तमान पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटना है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित और स्वच्छ भविष्य सुनिश्चित करना भी है।
आवश्यक सुधार: आढ़त बाजार स्थानांतरण
शहर में यातायात जाम की समस्या को हल करने के लिए आढ़त बाजार को ब्रह्मणवाला में स्थानांतरित किया जा रहा है। इसके लिए ब्राह्रमणवाला में काम चल रहा है। 10 हेक्टेयर भूमि में बन रहे आढ़त बाजार में लगभग 300 दुकानदारों को जगह दी जा रही है। यहां मल्टीलेवल पार्किंग और अन्य सभी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। यहां एक पिंक टायलेट भी बनाने की योजना है। आढ़त बाजार शिफ्ट होने से शहर का बोटलनीक खुल जाएगा। शहर को जाम से निजात मिलेगी और यहां की आबो-हवा जो कि ट्रक और जाम के कारण कार्बन उत्सर्जन से खराब हो रही थी, उसमें भी कमी आएगी।
अवैध निर्माण पर सख्ती
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने एमडीडीए की कार्यप्रणाली में जबरदस्त बदलाव किया है। उन्होंने विकास कार्यों की गति में तेजी लाने और गुणात्मक कार्यों पर जोर दिया है। कार्य समयबद्ध हो रहे हैं। और इसका परिणाम है कि देहरादून शहर में विकास और बदलाव दोनों नजर आने लगा है। एमडीडीए का दायरा अब लगभग पूरे जिले तक हो गया है तो इसकी चुनौतियां भी बढ़ी हैं। उपाध्यक्ष बंशीघर तिवारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि शहर में कहीं भी अवैध प्लाटिंग न हो। अवैध निर्माण और अवैध प्लॉटिंग पर तुरंत कार्रवाई करें। दिल्ली में हुई एक घटना के आलोक में शहर में स्थित जिन कॉम्प्लेक्स में बेसमेंट पार्किंग की जांच की गई थी, इस मामले में जिनके द्वारा भी मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है, उन पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की गई है।
सिटी फॉरेस्ट पार्क: एक नया आकर्षण
सहस्त्रधारा रोड पर एमडीडीए द्वारा विकसित सिटी फॉरेस्ट पार्क जनता के लिए खोला गया है। यह पार्क न केवल एक ग्रीन एरिया के रूप में कार्य करता है, बल्कि बच्चों और युवाओं के लिए विभिन्न गतिविधियों जैसे साइकिल ट्रैक, योगा क्लास, और ओपन जिम का भी केंद्र है। इस पार्क में औषधि पौधों का रोपण भी अधिक किया गया है उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी ने पार्क को तैयार कर जनता के लिए खोलने के निर्देश दिए हैं। इस पार्क में प्रतिदिन 2000 के करीब लोग सुबह-शाम पहुंचने लगे हैं। इस पार्क में साइकिल ट्रैक, जॉगर्स पार्क, बच्चों के लिए भूल-भुलैया समेत अन्य कई एक्टिविटी हैं। पार्क में योगा क्लास भी सुबह के समय आयोजित की जाएगी। उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी ने बताया है कि लोगों को सुविधाजनक और प्राकृतिक समावेश लिए पार्क को तैयार किया गया है।
ISBT Campus में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
MDDA के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि अवैध निर्माण पर सभी सेक्टर में कार्रवाई नजर आनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने आईएसबीटी के पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए। जिससे आपराधिक तत्वों पर नजर रखने के साथ ही अपराधियों को पकड़ा भी जा सके। उन्होंने आईएसबीटी परिसर में स्वच्छता दुरुस्त रखने और फसाड के तहत पहाड़ी शैली से कार्य करवाने पर के निर्देश अधिकारियों को दिए। उपाध्यक्ष तिवारी ने विकासनगर के शाहपुर कल्याणपुर में लैंड बैंक की तर्ज पर दूसरे क्षेत्रों में भी लैंड बैंक तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि लैंड बैंक बढ़ाकर आवास की बढ़ती जरूरतों की पूर्ति संभव है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण
धौलास क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 240 ईडब्ल्यूएस घरों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इस परियोजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को किफायती आवास प्रदान करना है। प्राधिकरण ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता बनाए रखने पर विशेष जोर दिया है। एमडीडीए उपाध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्माण कार्य में उच्च गुणवत्ता बनाए रखने और किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को किफायती और सुसज्जित आवास प्रदान करना है। धौलास हाउसिंग स्कीम के तहत बन रहे ये घर पीएम आवास योजना के मापदंडों के अनुरूप तैयार किए जा रहे हैं। इनका निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है, और परियोजना को समय सीमा के भीतर पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।बंशीधर तिवारी ने कहा, सरकार का यह प्रयास है कि प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति को आवास की सुविधा मिले।
सौर ऊर्जा और आत्मनिर्भरता की ओर कदम
राज्य में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना को अधिकाधिक बढ़ावा देने के लिए मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने अहम पहल की है। उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने उरेडा, यूपीसीएल व बिल्डर एसोसिएशन के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि जल्द इस मामले में एक राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा जिसमें प्रदेश के तमाम प्राधिकरण से अभियंताओं व बिल्डर्स को आमंत्रित किया जाएगा ताकि इस योजना के लिए सभी को प्रोत्साहित किया जा सके। उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बैठक कहा कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इस योजना के जरिये जहां न केवल छोटे व बड़े स्तर पर रोजगार सृजन हो रहा है। सौर स्वरोजगार योजना से आवासीय एवं ग्रुप हाउसिंग इत्यादि को सौर विद्युत उत्पादन से आत्मनिर्भर भी बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जल्द सभी प्राधिकरणों की एक राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
आधुनिक प्रबंधन और दीर्घकालिक योजनाएं
एमडीडीए वर्तमान में मास्टर प्लान 2041 पर काम कर रहा है, जिसमें भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शहर का विकास किया जा रहा है। इसके अलावा, उपाध्यक्ष वंशीधर तिवारी ने कहा कि प्राधिकरण अपनी नर्सरी भी तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से प्राधिकरण को किसी पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं होगी। उपाध्यक्ष ने कहा कि शहर के तमाम बड़े कॉम्प्लेक्स व ग्रुप हाउसिंग में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित किया जाए। हाल में एमडीडीए ने शहर में एक लाख पौधों के रोपण के लक्ष्य के समक्ष लगभग 80 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। उपाध्यक्ष ने कहा कि पौधरोपण में ज्यादा से ज्यादा फलदार व छायादार पौधों को लगाया जाए।
नेहरू कॉलोनी में बनेगा एमडीडीए का नया ऑफिस
गढ़वाल मंडल आयुक्त एवं मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में 110 वीं बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया। बोर्ड बैठक में प्राधिकरण कार्यालय को आगामी भविष्य में नए स्थान पर शिफ्ट करने से लेकर विभिन्न विकास कार्यों, मानचित्र इत्यादि के प्रकरणों को बोर्ड ने अपना अनुमोदन प्रदान किया। प्राधिकरण सभागार में आयोजित बोर्ड बैठक में सर्वप्रथम प्राधिकरण के वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट की मदों में पुनरीक्षण को बोर्ड द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया। बोर्ड द्वारा प्राधिकरण क्षेत्रान्तर्गत नेहरू कॉलोनी में आवास विकास परिषद के रिक्त भूखंड क्षेत्रफल 3113.44 वर्ग मीटर (सामुदायिक सेवाएं) में प्राधिकरण कार्यालय के निर्माण के संबंध में अनुमोदन प्रदान किया गया। बोर्ड की ओर से प्राधिकरण द्वारा तरला नागल में बनाए गए सिटी फॉरेस्ट पार्क में प्रदान की जा रही विभिन्न सुविधाओं जैसे साइकिलिंग ट्रैक, पाथवे, किड्ज प्ले, ओपन जिम, ओपन एरिया थिएटर, मुक्ताकाश मंच आदि पर चर्चा के उपरांत इस पार्क के उपयोग को अनुमोदन प्रदान किया गया। लगभग 12.45 हेक्टेयर क्षेत्रफल में निर्मित इस पार्क को हरित संरक्षण योजना पर आधारित किया गया है।बोर्ड ने विकासनगर के शाह कल्याणपुर में 1.181 हेक्टेयर भूमि की (लैंड पुलिंग) को भी अनुमोदन प्रदान किया है। इसके अलावा बोर्ड बैठक में विभिन्न विकास कार्यों के साथ ही ईको रिसोर्ट निर्माण, गेस्ट हाउस आदि निर्माण के प्रकरणों को भी अनुमोदन प्रदान किया।