शिव भक्ति से सब कुछ संभव : कथावाचक पं. अभिषेक नौटियाल -Newsnetra
न्यूज़ नेत्र, मनेरी उत्तरकाशी
भगवान शिव को देवाधिदेव कहा गया है। देवताओं के देवता कहे जाने वाले भगवान शिव प्रथम पूज्य गणपति के पिता हैं। कहते हैं कि भगवान शिव को प्रसन्न करके व्यक्ति हर संभव सुख प्राप्त कर सकता है।
यह बात मनेरी में आयोजित शिव महापुराण कथा के चौथे दिन कथा वक्ता पंडित अभिषेक नौटियाल जी ने कही। उन्होंने कहा कि भोलोपन स्वभाव के कारण ही शिव जी भक्त द्वारा अर्पित एक लोटा जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीराम ने भी एक समय ‘ब्रह्म हत्या’ दोष से मुक्ति पाने के लिए शिवजी की उपासना की थी। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्री राम ने रावण का वध करने के बाद ब्रह्म हत्या दोष से छुटकारा पाने के लिए देवाधिदेव महादेव की उपसना की थी। साथ ही उसका धार्मिक और पौराणिक महत्व-इतिहास क्या है?शिव पुराण में शिवजी के रूपों, लीलाओं और कथाओं का वर्णन किया गया है.
कथाओं के माध्यम से इसमें शिवजी की महिमा का उल्लेख किया गया है. धार्मिक मान्यता है कि, जो व्यक्ति शिव पुराण की कथा को पढ़ता या सुनता है उसके समस्त दुख दूर होते हैं उस पर शिवजी का आशीर्वाद बना रहता है. शिव पुराण का पाठ करने के कई लाभ होने के साथ ही भगवान शिव और सती के एक प्रसंग में उन्होंने कहा की भगवान राम ब्रह्म है लेकिन भगवती सती इसको मानने को तैयार नहीं थी उन्होंने स्वयं जाकर देखने को कहा उन्होंने भूल से भगवान राम की परीक्षा न लेने की बात भी कही थी ।लेकिन सती ने भगवान राम के सामने सीता का रूप बनाकर प्रकट हुए राम ने देखते ही दोनो हाथों से प्रणाम करते हुए कहा कि हे माते आप आज यहां अकेले भगवान भोले बाबा किधर है। भगवान भोले नाथ को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने उनका त्याग कर दिया था। कथा मंडप में भंकोली के आराध्य भगवान श्री बासुकी नाग देवता, गोरशाली के श्री बासुकी नाग देवता, जखोल के श्री समेश्वर देवता ,सैंज गांव के श्री कंडार देवता, ओगी के श्री बासुकी नाग देवता, मनेरी के श्री बासुकी नाग देवता की देव डोलियों का आशीर्वाद सभी भक्तों को प्राप्त हो रहा है।
यज्ञ समिति ने उपस्थित सभी भक्तो का आभार प्रकट किया । इस मौके पर मंडपाचार्य पंडित योगेश उनियाल जी, पंडित गंगा प्रसाद नौटियाल जी, पंडित जगदम्बा प्रसाद नौटियाल जी, पंडित कृष्णा प्रसाद नौटियाल जी, पंडित रामनारायण जी, पंडित दिनेश भट्ट जी, पंडित गणेश खंडूड़ी जी, पंडित जय कृष्ण प्रसाद नौटियाल जी, पंडित पवन नौटियाल जी, पंडित महेश रतूड़ी जी, पंडित बिंदेश नौटियाल जी, पंडित आशुतोष नौटियाल जी, पंडित विवेक नौटियाल ,पंडित अमृत सेमवाल जी, पंडित रामनारायण जी पंडित काशी राम जी पंडित आजाद डिमरी जी पंडित मयंक जी, द्वारा अपने अपने कार्य क्षेत्र में भगवान का गुणानुवाद किया जा रहा है।