Pitru Paksha 2024: बिना पंडित के पितरों का कैसे करें तर्पण-Newsnetra
पितृ पक्ष हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण समय होता है, जब हम अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस अवधि में पितृ पृथ्वी पर आते हैं और अपने वंशजों से तर्पण (जल अर्पण) और श्राद्ध ग्रहण करते हैं। यदि आप किसी कारणवश पंडित की मदद नहीं ले पा रहे हैं, तो भी आप घर पर ही विधिवत तर्पण कर सकते हैं। यहाँ जानें बिना पंडित के पितरों को प्रसन्न करने का सही तरीका।
तर्पण करने के लिए आवश्यक सामग्री:
1. कुशा (तृण)
2. काला तिल
3. चावल
4. जल (तांबे के बर्तन में)
5. जनेऊ (अगर आप पहनते हैं)
6. पीला कपड़ा (अधिकारिता के लिए)
तर्पण विधि:
1. स्नान और शुद्धिकरण: सबसे पहले, स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें। अगर संभव हो तो सफेद वस्त्र पहनें क्योंकि यह पवित्रता और शांति का प्रतीक माना जाता है।
2. स्थान का चयन: तर्पण करने के लिए घर के किसी शांत स्थान को चुनें, जहाँ अशुद्धता और शोर-शराबा न हो। आप यह क्रिया घर के आंगन या किसी मंदिर में भी कर सकते हैं।
3. तर्पण के मंत्र: तर्पण के दौरान यह मंत्र बोलें:
“ॐ पितृ गणाय विद्महे जगत धारिण्यै धीमहि तन्नः पितरः प्रचोदयात्।” इसके बाद, पानी, तिल, और चावल को मिलाकर सूर्य की ओर मुख करके तीन बार जल अर्पण करें।
4. पितरों का ध्यान: तर्पण के समय अपने पितरों का ध्यान करें और उनसे आशीर्वाद की कामना करें। आप उनके नाम लेकर भी तर्पण कर सकते हैं, जैसे “पितृ देवताभ्यो नमः” या “स्वधिष्ठान पितृ देवताभ्यो स्वाहा।”
5. अन्नदान या दान: तर्पण के बाद भोजन में अन्न, जल, और तिल का दान किसी ब्राह्मण या गरीब व्यक्ति को दें। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और आपको उनका आशीर्वाद मिलता है।
कुछ महत्वपूर्ण बातें:
तर्पण हमेशा दक्षिण दिशा की ओर मुख करके किया जाता है।
इस समय में घर में सात्विक भोजन करें और पवित्रता का पालन करें।
पितृ पक्ष में शुभ कार्य, जैसे विवाह या गृह प्रवेश, से परहेज करें।
इस विधि से आप बिना पंडित की मदद के भी पितरों का तर्पण कर सकते हैं और उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं।