उत्तराखंड में सिग्नेचर ब्रिज तैयार होने से पहले ही धराशायी : 70 करोड़ की लागत से हो रहा था निर्माण-Newsnetra


उत्तराखंड में सिग्नेचर ब्रिज तैयार होने से पहले ही धराशायी: 70 करोड़ की लागत से हो रहा था निर्माणउत्तराखंड में निर्माणाधीन सिग्नेचर ब्रिज के धराशायी होने की घटना ने राज्य में निर्माण परियोजनाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 70 करोड़ रुपये की भारी भरकम लागत से बन रहा यह ब्रिज तैयार होने से पहले ही गिर गया, जिससे न केवल सरकारी धन का नुकसान हुआ, बल्कि लोगों के बीच भी गहरी चिंता उत्पन्न हो गई है।
इस पर कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दासौनी के क्या कहा…
घटना की विवरण
उत्तराखंड के एक प्रमुख निर्माणाधीन सिग्नेचर ब्रिज का गिरना राज्य में बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लगाता है। ब्रिज का निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा था और इसे जल्द ही जनता के लिए खोला जाना था। लेकिन, इसके धराशायी होने से यह स्पष्ट हो गया है कि निर्माण कार्य में किसी न किसी स्तर पर गंभीर खामियाँ रही होंगी।
इस सिग्नेचर ब्रिज की कुल लागत 70 करोड़ रुपये आंकी गई थी। यह ब्रिज राज्य के बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण जोड़ माना जा रहा था और इसके निर्माण से यातायात को सुगम बनाने और स्थानीय लोगों को राहत देने की उम्मीद थी। इसके अलावा, यह ब्रिज पर्यटन को भी बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया जा रहा था, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिल सके।
इस घटना ने उत्तराखंड में चल रही अन्य निर्माण परियोजनाओं की भी समीक्षा की आवश्यकता को उजागर किया है। राज्य सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि सभी निर्माण परियोजनाओं में उच्चतम गुणवत्ता मानकों का पालन किया जाए। इसके अलावा, ठेकेदारों और निर्माण कंपनियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम और निगरानी प्रणाली लागू करनी होगी।