विश्व पर्यावरण दिवस पर सुमन काला की कलम से विशेष लेख-Newsnetra
आज लोग विश्व पर्यावरण दिवस मना रहें है
अरे कैसा पर्यावरण दिवस ?
जबकि आज धरती को बिल्कुल नंगा , दूषित और न रहने लायक बना रहे है कितना दुर्भाग्य है कि हम न जाने किस होड़ में आगे बढ़ रहे है ? किसके लिए बढ़ रहे है ? जब मानव ही नहीं रहेगा धरती पर तो ये विकास किसके लिए
आज जंगलों को काट कर सड़कें , फ्लैट, माल , बहुमंजिली इमारतें , आम घर भी किसी महल से कम नहीं है ….
अंधाधुंध विकास विनाश का कारण बन रहा है …..
क्यों पेड़ काटे जा रहे है ?
आज अगर पेड़ न लगाए गए तो दूरगामी परिणाम बहुत बुरे होंगे ….
आज धरती का तापमान जलाने को हो रहा है और दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है
कोई नहीं सोच रहा है की हर व्यक्ति जिम्मेदारी है पेड़ लगाने की और पर्यावरण बचाने की …
अभी भी समय है पेड़ लगाइए और धरती बचाइए कहीं ऐसा न हो कि कुछ लोगों की वजह से सबको ही बुरे परिणाम भुगतने पड़े
इतने बुरे परिणाम होने के बाद भी हमारी धरती मां हमें सब कुछ दे रही है तरह तरह के अन्न , तरह तरह की दालें , तरह तरह के फल , तरह तरह की सब्जियां , पानी , पेड़ , धन इसका मतलब है कि अभी कुछ अच्छे लोगों की वजह से ही अभी धरती टिकी है वरना हर साल अकाल , बाढ़ , आग , प्रदूषण ,
तापमान बढ़ना सब अच्छे संकेत नहीं है विश्व के लिए
अभी भी समय है बचा लो इस धरती को
संकल्प लीजिए हर आदमी की इस बरसात में कम से कम 50 पेड़ लगाएं तभी यह धरती रहने लायक बचेगी
धन्यवाद
सुमन डोभाल काला
शोशल एक्टिविस्ट / फ्रीलांसर
लेखिका / एक्टर / गायिका / अध्यनरत MA थियेटर
देहरादून/उत्तराखंड